अमरकंटक के धार्मिक व पर्यटन महत्व को हेली पर्यटन सेवा से मिलेगी नई उड़ान- मंत्री  दिलीप जायसवाल




अनूपपुर । 25 नवंबर 2025 मध्य प्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  दिलीप जायसवाल ने कहा है कि पवित्र नगरी अमरकंटक में पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा प्रारंभ होने से अमरकंटक के धार्मिक व पर्यटन महत्व के साथ-साथ यहां के नैसर्गिक व प्रकृति का आनंद देश और विदेश के नागरिकों को सहज रूप से प्राप्त होगा। हेली पर्यटन सेवा से अमरकंटक को नई उड़ान मिल सकेगी। 

उन्होंने धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से प्रारंभ की गई हेली सेवा के लिए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का आभार जताया है। मंत्री  दिलीप जायसवाल अमरकंटक में पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मध्य प्रदेश शासन के कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त)  रामलाल रौतेल, कलेक्टर  हर्षल पंचोली, पुलिस अधीक्षक  मोती उर रहमान, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती अर्चना कुमारी, नगर परिषद अमरकंटक की अध्यक्ष श्रीमती पार्वती सिंह, जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के पूर्व अध्यक्ष  हीरा सिंह श्याम, महामंडलेश्वर श्री राम भूषण जी दास, एसडीएम  वसीम अहमद भट्ट, कल्याण आश्रम के संत, मृत्युंजय आश्रम के व्यवस्थापक  योगेश जी, नर्मदा मंदिर के पुजारीगण,  रोशन पनारिया,  राम गोपाल द्विवेदी, जिला पुरातत्व, पर्यटन परिषद के प्रभारी अधिकारी  उमेश पाण्डेय, प्रबंधक  अजय अग्रवाल, नगर परिषद अमरकंटक के पार्षद गण, स्थानीय जनप्रतिनिधि, नागरिक, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकार तथा पर्यटन विभाग व हेलीकॉप्टर संचालन सेवा जेट सर्वे एवियशन प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित थें।

   इस अवसर पर मंत्री  दिलीप जायसवाल ने कहा कि पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा से अमरकंटक के साथ ही बांधवगढ़ व जबलपुर की यात्रा सरल व सहज होगी। उन्होंने कहा कि हेली पर्यटन सेवा से दिव्यांग व शारीरिक रूप से दिक्कत वाले लोगों को भी अमरकंटक के आध्यात्मिक व पर्यटन का लाभ सुलभता से प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस सेवा के प्रारंभ होने से अमरकंटक के स्थानीय व्यापार को भी लाभ प्राप्त होगा। 

इस अवसर पर कलेक्टर कलेक्टर  हर्षल पंचोली ने कहा कि बड़े धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र की तरह अमरकंटक में पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा का शुभारंभ से अमरकंटक के पर्यटन व धार्मिक महत्व का लाभ बड़ी संख्या में लोग ले सकेंगे उन्होंने कहा कि पिछले 5 सालों में अमरकंटक में धार्मिक व पर्यटन के क्षेत्र में विकास के अनेक कार्य हुए हैं। 

कलेक्टर ने कहा कि अमरकंटक में प्रारंभ की गई पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा का बड़े होटलों तथा सोशल मीडिया सर्विस के माध्यम से प्रमोट करने के प्रयास होंगे।उन्होंने स्थानीय नागरिकों से पर्यटकों के ठहराव के लिए होमस्टे के निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से होमस्टे की भूमिका महत्वपूर्ण है इस अवसर पर उन्होंने बताया कि नर्मदा लोक के डीपीआर का कार्य पूर्ण हो चुका है शीघ्र ही निर्माण कार्यों का भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित होगा। 

इस अवसर पर जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के पूर्व अध्यक्ष  हीरा सिंह श्याम जी ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ प्रयासों से धार्मिक एवं पर्यटन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए बड़ी संख्या में कार्य किया जा रहा हैं उसी के तहत पवित्र नगरी अमरकंटक में पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने भविष्य में धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए सार्थक प्रयासों की संभावना व्यक्त की। 

*अमरकंटक से जबलपुर तक की हेली पर्यटन सेवा का 4 यात्रियों ने उठाया लाभ*

पवित्र नगरी अमरकंटक स्थित बालकों जगतपुर हेलीपैड से पीएम श्री हेली पर्यटन सेवा अमरकंटक के शुभारंभ अवसर पर अमरकंटक से जबलपुर तक की यात्रा चार यात्रियों द्वारा की गई। हेलीकॉप्टर की पहली उड़ान पायलट  विक्रम ने भरी। स्थानीय प्रशासन द्वारा पायलट तथा यात्रियों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। 

इस अवसर पर मंत्री  दिलीप जायसवाल, राज्य कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष  रामलाल रौतेल, कलेक्टर  हर्षल पंचोली, पुलिस अधीक्षक  मोति उर रहमान जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती अर्चना कुमारी ने हेली पर्यटन सेवा के ट्रायल रन का लाभ उठाया।



बिजुरी के वरिष्ठ पत्रकार राकेश सोनी के निधन से पत्रकार जगत में गहरा शोक

18 साल से हरिभूमि से जुड़ कर जनसेवा कर रहा  था 

अनूपपुर। जिले के बिजुरी के वरिष्ठ पत्रकार हरिभूमि प्रतिनिधि राकेश सोनी (मुन्नू) का सोमवार की दोपहर जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान निधन हो गया, निधन की खबर से जिले के पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गई। ज्ञात हो कि  सोनी विगत 18 सालो से दैनिक हरिभूमि अखबार मे बिजुरी क्षेत्र में पूरे निष्ठा व ईमानदारी के साथ प्रतिनिधित्व कर रहा था।  सोनी का आकस्मिक निधन हरिभूमि परिवार के लिए अपूर्णीय क्षति है। ज्ञात हो कि स्व.  सोनी बेबाक, उत्कृष्ट लेखनी व निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे, वे वरिष्ठ पत्रकार एवं नेक दिल इंसान थे। उनके जाने से पत्रकारिता जगत के एक युग का अंत हो गया। वे अपनी लेखनी से गरीबों मजलूमों की आवाज को शासन -प्रशासन तक पहुंचा कर उन्हें न्याय दिलाने का पूरा प्रयास करते थे। वे बहुत जुझारू साथी थे, पत्रकार के साथ-साथ वह नेक दिल और साफ इंसान थे, उनके जाने से पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।  राकेश सोनी (मुन्नू) के आकस्मिक निधन पर दुख व्यक्त करने वालों में कोतमा विधायक व राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल, कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त रामलाल रौतेल, अनूपपुर विधायक बिसाहूलाल सिंह, पुष्राजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह, नपाध्यक्ष बिजुरी सहबिन लखन पनिका, नपा उपाध्यक्ष बिजुरी प्रीति सतीश शर्मा, लवकुश शुक्ला, अजय शुक्ला, मुकेश जैन, रवीन्द्र शर्मा रिंकू, सीएमओ पवन साहू, हरीश मोटवानी, शिवबाबू शुक्ला सहित हरिभूमि परिवार व पत्रकार साथी मनोज द्विवेदी, राजेश शिवहरे, प्रेमचंद्र अग्रवाल, अरविंद बियानी, बीरेंद्र सिंह,चैतन्य मिश्रा, राजेश शुक्ला, राजेश पयासी, अजय मिश्रा, अमित शुक्ला, राजनारायण द्विवेदी, रामबाबू चौबे, अजीत मिश्रा, विजय उरमलिया, सीताराम पटेल, आनंद पाण्डेय, अनुपम सिंह, राजेश सिंह, जावेद अहमद, हिमांशु बियानी, भरत मिश्रा, अखिलेश नामदेव, कमलेश सिंह चंदेल, पंकज पंजवानी, पूरन सिंह चंदेल, मुन्नू पाण्डेय, संतोष चौरसिया, सुरेश शर्मा, पंकज रीना शर्मा, प्रदीप तिवारी, राजकुमार साहू, कमलेश मिश्रा, विनोद द्विवेदी, एड. शारदा शर्मा, मनोज सिंह, शिवलखन शुक्ला, विकास पाण्डेय, मृगेन्द्र सिंह, अभय पाठक, बृजेश साहनी, राजा मिश्रा, दुर्गा शुक्ला, रवि ओझा, प्रकाश सिंह परिहार, बिलाल अहमद, संजीव पाण्डेय, चंद्रिका चंद्रा सहित जिले भर के पत्रकारों, जनप्रतिनिधियों समेत ईष्ट मित्रों ने मृतात्मा की शांति व दुखी परिवार को दुख सहन करने की क्षमता प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।


 शिक्षा है समाधान की कुंजी, बाल विवाह बने अतीत की कहानी: प्रो.अनिल कुमार सक्सेना

अनूपपुर । प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय,अनूपपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा बाल संरक्षण सप्ताह (14 नवम्बर 2025 – 20 नवम्बर 2025) के तहत “बाल विवाह” विषय पर मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में बाल विवाह जैसी गंभीर सामाजिक समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उसके दुष्परिणामों से समाज को अवगत कराना था।

प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने मेहंदी डिज़ाइन के माध्यम से बाल विवाह विरोधी संदेशों को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत किया। डिजाइन में शिक्षा का महत्व, बालिका सशक्तिकरण, कम उम्र में विवाह के दुष्परिणाम तथा जागरूक समाज की आवश्यकता जैसे विषय स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आए। निर्णायक मंडल डॉ. जे.के.संत, डॉ.राधा सिंह, डॉ. नीरज श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों की सृजनात्मकता एवं सामाजिक संदेश देने की क्षमता की विशेष प्रशंसा की।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सक्सेना ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बाल संरक्षण सप्ताह बच्चों के अधिकार, सुरक्षा और कल्याण के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने का महत्वपूर्ण अवसर है। एनएसएस द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों को सामाजिक कुप्रथाओं के प्रति जागरूक करने का प्रभावी माध्यम बनी है।

कार्यक्रम का सफल आयोजन एनएसएस जिला संगठक डॉ. ज्ञान प्रकाश पाण्डेय,एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी पूनम धांडे, तथा डॉ. तरन्नुम सरवत एवं स्वयंसेवकों द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में सुहानी कहार, किरण कोल, संतोषी राठौर, राधिका जायसवाल, रिंकी साहू, महिमा जायसवाल, साधना साहू, राधिका देवी, पायल पाल, साक्षी गुप्ता, स्नेह सोनी ने उत्साहपूर्वक अपने विचार मेहंदी कला के माध्यम से प्रकट किए। कार्यक्रम के आयोजन ने विद्यार्थियों में बाल संरक्षण तथा बाल विवाह उन्मूलन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित किया।

 शहडोल में आयोजित 29 वें युवा महोत्सव में बाजी मारी बाल भारती पब्लिक स्कूल अनूपपुर


अनूपपुर। 13 नवंबर 2025 को बाल भारती पब्लिक स्कूल, अनूपपुर के छात्रों ने हाल ही में शहडोल में आयोजित 29 वें युवा महोत्सव में शानदार प्रदर्शन करते हुए संस्था के लिए गौरव हासिल किया है। इस वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम में जिले भर के युवाओं ने हिस्सा लिया था। स्कूल की छात्रा आयुषी अग्रवाल ने अपनी कलात्मक उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए ड्राइंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अब भोपाल में आयोजित ज़ोनल स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए चुना गया है। इसके अतिरिक्त, स्कूल की लोक नृत्य टीम ने भी एक जीवंत प्रदर्शन दिया और दूसरा स्थान हासिल किया। छात्रों की इस कड़ी मेहनत और समर्पित भागीदारी पर स्कूल प्रबंधन और कर्मचारियों ने अत्यधिक प्रसन्नता व्यक्त की है, सभी सफल प्रतिभागियों को बधाई दी है, और आयुषी को उनकी ज़ोनल स्तर की प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

 भगवान बिरसा मुंडा जी की 150 वीं जयंती का गरिमामय आयोजन प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय में संपन्न




अनूपपुर । प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में बिरसा मुंडा भगवान की 150 वीं जयंती का गरिमामय आयोजन  प्राचार्य डॉक्टर अनिल सक्सेना के मार्गदर्शन में  हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती  जी एवं भगवान बिरसा मुंडा जी के प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण एवं स्तुतिगान से हुआ ।  कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर जे.के. संत ने की तथा कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर नीरज श्रीवास्तव , विभाग अध्यक्ष हिंदी ने किया । इस अवसर पर "स्वतंत्रता आंदोलन में भगवान बिरसा मुंडा जी के अतु लनीय योगदान  विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें डॉक्टर ऋषिकेश चंद्रवंशी, विभाग अध्यक्ष रसायन शास्त्र प्राध्यापक श्रीमती प्रीति वैश्य, प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश पांडे, डॉ जे .के .संत विभाग अध्यक्ष राजनीति शास्त्र, प्रोफेसर आकांक्षा राठौर, डॉक्टर तुलसी रानी पटेल, कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य श्री अजय राज सिंह एवं छात्र-छात्राओं ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया । इस अवसर पर श्रीमती ज्योति सिंह, डॉक्टर तरन्नुम शरबत, डॉ रामायण वर्मा,  गंगेश रैदास, सहित भारी संख्या में एनसीसी के कैडेट एनएसएस के स्वयंसेवक एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।

 “राजस्व विभाग : जमीन आपकी, खेला हमारा!”


अनूपपुर

कहते हैं भारत में "जनता जनार्दन"  होती है लेकिन राजस्व विभाग में जनता सिर्फ जन है और आरंभ से अंत तक अर्द्ध -मूर्छित रहने वाला प्राणी । यहां जमीन खरीदने का सपना उतना ही सरल है, जितना कि बिना रिश्वत दिए पासपोर्ट बनवाना। सदियों से राजस्व विभाग से आम आदमी का रिश्ता ऐसा चला आ रहा है जैसे शरीर से प्राण का आना-जाना  असंभव। यहां खेल ऐसा चलता है कि दादा ने भुगता, पिता ने झेला और अब यह ‘राजस्व खेला’ पीढ़ी दर पीढ़ी एक हवाले की तरह हस्तांतरित होता चला जा रहा है।

जमीन लेने की यात्रा शुरू होती है बड़ी उम्मीदों के साथ-

पटवारी साहब आते हैं, आर.आई. साहब नज़र फेरकर देखते हैं, रजिस्ट्री होती है, पट्टा बनता है, नक्शा तरमीम भी हो जाता है। खरीदार खुश ,सिस्टम काम कर रहा है! लेकिन असली खेल तो सीमांकन में छिपा होता है।

जैसे ही सीमांकन की घड़ी आती है, पटवारी का कम्पास हिल जाता है, आर.आई. की नज़र तिरछी हो जाती है और जमीन 2 फीट दाईं खिसकती है, 4 फीट बाईं सरक जाती है। यह वह कला है जो सिर्फ राजस्व विभाग में मिलती है ,“जमीन को नचाने का हुनर।”

और फिर शुरू होता है असली ड्रामा-

“आपकी जमीन का थोड़ा सा कन्फ्यूजन है… पड़ोस वाले से मिलकर बैठिए… थोड़ा खर्चा लगेगा…”

खरीदार बेचारा समझता है कि शायद मामला हल हो जाएगा। पर उसे क्या पता, ये तो बस प्रीव्यू डॉ था।

वकीलों का अध्याय – यह भी एक खेला,

व्यक्ति न्याय की आशा में वकील के द्वार पर पहुंचता है। वकील साहब बड़े प्रेम से कहते हैं-

“फाइल बनानी है, नकल निकालनी है, गवाही करनी पड़ेगी… थोड़ा खर्च लगेगा।”

और खर्च ? इतना कि आदमी सोचे कि जमीन खरीदी थी या कोर्ट का चंदा जमा किया था।

गवाह - जिन्हें ना जमीन पता, ना जज, पर कोर्ट के चक्कर सबसे ज़्यादा वही लगाते हैं।

गवाह बेचारे का तो कोई लेना-देना भी नहीं होता। बस नाम आ गया, और अब उसे भी तहसील-कलेक्ट्रेट में ऐसे बुलाया जाता है जैसे वह राज्यसभा का सदस्य हो।

बाबू कहता है-

“आज साहब नहीं बैठे हैं, कल आइए… अगली तारीख दे दी है…”

गवाह सोचता है-

“मैं गवाही दे रहा हूं या अपनी हाजिरी लगा रहा हूं?”

बाबू संस्कृति - यहां से शुरू होता है असली ‘खेला

निर्णय की तारीख आती है। वकील साहब कान में फुसफुसाते हैं—

“फैसला होना है… थोड़ा खर्चा देना होगा।”

अरे भाई! फीस तो पहले ही ले ली थी।

लेकिन यह खर्चा वह “जादुई खर्चा” है जिसकी वजह से साहब की कलम चलती है।

और जादू का असर खत्म हो जाए तो अगली तारीख का नया खर्च शुरू।

अब बड़ा सवाल – गलती आखिर होती कहां है?

पटवारी-आरआई जमीन देखकर, छूकर, सूंघकर, नापकर रजिस्ट्री पास करते हैं।

उनकी मोहर, उनकी सील, उनकी रिपोर्ट… सब सही!

फिर भी बाद में जमीन गलत निकल जाती है।

तो जिम्मेदार कौन?

सिस्टम कहता है—

“खरीदार ही होगा, क्योंकि बाकी सब तो भगवान के भेजे हुए हैं।”

अगर गलती पटवारी, आर आई की होती है, तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं ?

क्योंकि फिर सिस्टम में खेल बंद हो जाएगा।

और भाई, खेल बंद हो गया तो इतने सारे लोग क्या करेंगे?

नकल शाखा से लेकर कोर्ट तक का पूरा इकोसिस्टम इस खेल पर चलता है।

समाधान बड़ा सरल है, पर लागू करना मुश्किल,

सीधा सा नियम बन जाएं -

 *पहले सीमांकन, नक्शा तरमीम और उसके बाद ही रजिस्ट्री और पट्टा ,

तो राजस्व के 80% केस खत्म हो जाएं।

लेकिन अगर केस खत्म हो गए तो-

“बाबू साहब की चाय कौन पिलाएगा ?”

फैसले का इंतजार इतना लम्बा क्यों ?

क्योंकि राजस्व का खेला लंबा चलता है।

कभी-कभी तो यह भी समझ नहीं आता—

*फैसला पहले आएगा या

     उस व्यक्ति की अगली पीढ़ी बड़े होकर केस समझने लायक होगी ?

राजस्व की दुनिया में यह सवाल ही सबसे बड़ा व्यंग्य है।

और अंत में…

भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को सलाम,

लेकिन राजस्व विभाग बड़े आराम से कहता है-

“खेला तो अभी जारी है…”

 *महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू नए भारत की जनजातीय गौरव और महिला सशक्तिकरण की जीवंत प्रतीक: प्रो. विकास सिंह


*

अनूपपुर

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में जनजातीय गौरव पखवाड़ा (01 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025) के अंतर्गत आज एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन स्वदेशी जागरण मंच तथा राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसका विषय था — “नए भारत के परिप्रेक्ष्य में जनजातीय गौरव का महत्व।” इस कार्यक्रम में छात्रों, अध्यापकों, एवं सामाजिक संगठनों ने जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, इतिहास, संघर्षों और समकालीन उपलब्धियों पर विमर्श किया। कार्यक्रम का शुभारंभ जनजातीय देवताओं की वंदना और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के गौरव गाथा पर विमर्श से शुरू हुआ। 

मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए स्वदेशी शोध संस्थान के राष्ट्रीय सचिव एवं स्वदेशी जागरण मंच के महाकौशल प्रांत के प्रांत सह-संयोजक प्रो. विकास सिंह ने कहा कि — “महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आधुनिक भारत की जनजातीय गौरव गाथा और महिला सशक्तिकरण की सबसे सशक्त प्रतीक हैं। वे न केवल मातृशक्ति का प्रतीक हैं, बल्कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होकर करोड़ों जनजातीय परिवारों के गौरव का प्रतिनिधित्व करती हैं।”

प्रो. विकास ने आगे कहा कि रैरंगपुर से रायसीना हिल्स तक की उनकी यात्रा इस बात का जीवंत प्रमाण है कि भारत में आज अवसरों का लोकतंत्र हर वर्ग तक पहुंचा है। राष्ट्रपति मुर्मू का सादा जीवन, सेवाभाव और जनजातीय मूल्यों के प्रति निष्ठा, उन्हें ‘धरती की बेटी से राष्ट्र की जननी’ के रूप में प्रतिष्ठित करती है। 

प्रो. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आज प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा 15 नवम्बर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय एक ऐतिहासिक पुनर्स्मरण है। यह न केवल भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का सम्मान है, बल्कि जनजातीय संस्कृति, परंपरा, स्वाभिमान और विकास को राष्ट्रीय नीति के केंद्र में लाने का प्रतीक है तथा करोड़ों जनजातीय परिवार को सम्मान देने का जीवंत कार्य है।

ऑनलाइन मोड से जुड़े विश्वविद्यालय के कार्य परिषद के सदस्य तथा एबीवीपी के पूर्व विभाग संगठन मंत्री तथा मध्य क्षेत्र स्वावलंबन केंद्र प्रमुख मोरध्वज पैकरा ने कहा की  स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में जनजातीय समाज के बलिदान और योगदान को लंबे समय तक उपेक्षित किया गया, जबकि भारत की स्वतंत्रता की नींव में उनके संघर्षों की गूंज सदैव रही है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, तिलका मांझी, टांट्या भील, रानी दुर्गावती, शंकर शाह–रघुनाथ शाह और रानी गाइदिनल्यू जैसे वीरों ने अपने अदम्य साहस से अंग्रेजी सत्ता को चुनौती दी और जनजातीय चेतना को जागृत किया। स्वदेशी जागरण मंच और स्वदेशी शोध संस्थान देश के विभिन्न प्रांतों में जनजातीय उद्यमिता, शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के पुनरुद्धार के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने IGNTU के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय भारत के जनजातीय बौद्धिक नवजागरण का केंद्र बन रहा है।

मोरध्वज पैकरा ने आगे कहा की  भारत में जनजातीय समाज केवल संरक्षण का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण का प्रमुख सहभागी है। आज जब देश विकसित भारत @2047 के पथ पर अग्रसर है, तब जनजातीय समाज की भागीदारी ही भारत की आत्मा को पूर्णता प्रदान करती है। भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू का जीवन यह प्रमाणित करता है कि शिक्षा, संस्कार और स्वाभिमान के बल पर कोई भी जनजातीय बेटी राष्ट्र की दिशा बदल सकती है।

कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने “धरती आबा अमर रहें” और “जय जनजातीय भारत” के नारों से सभागार गुंजायमान कर दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महाकौशल प्रांत के युवा आयाम प्रमुख डॉ विनोद वर्मा, डिंडोरी जिला संयोजक हरिश्चंद्र विश्वकर्मा, शोध विद्वान विशाल ताम्रकार, आयन ब्रह्मा, शबनम इराकी, रोहित श्रीवास, प्रशांत अग्रवाल, गौरव सिंह, डॉ. दिनेश परस्ते, डॉ. आशीष गुप्ता, डॉ. पंकज प्यासी सहित सैकड़ो की संख्या में युवा छात्र एवं शिक्षक उपस्थित थें।

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