योग निर्वाण प्राप्ति का मार्ग है .... . प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति)narmadanewstimes.in

 योग निर्वाण प्राप्ति का मार्ग है .... . प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति)


अमरकंटक । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के योग संकाय द्वारा दशम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन आज विश्वविद्यालय के खेल परिसर के इनडोर स्टेडियम में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के  कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी द्वारा की गई। मुख्य अतिथि के रूप में श्री शीलमंडल की अध्यक्षा श्रीमती शीला त्रिपाठी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में अन्य गणमान्य अतिथियों प्रो. अवधेश कुमार शुक्ला, अकादमिक अधिष्ठाता- प्रो. आलोक श्रोत्रिय, प्रो. पी. के. सामल, निदेशक-बिरसा मुंडा चेयर, अधिष्ठाता योग संकाय एवं प्रभारी वित्त अधिकारी, प्रो. जितेंद्र कुमार शर्मा प्रो. एन.एस. हरि नारायण मूर्ति अधिष्ठाता भेषज संकाय एवं प्रभारी कुलसचिव, एवं विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. विजय नाथ मिश्र सहित विश्वविद्यालय के शैक्षणिक तथा प्रशासनिक अधिकारियों, एनसीसी कैडेट,  श्रीशील मंडल के सदस्य, पदाधिकारी, विश्वविद्यालय के सुरक्षा एवं सपोर्टिंग स्टाफ सहित लगभग 300 प्रतिभागियों ने सहभाग किया।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं महर्षि पतंजलि की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के साथ हुआ। अध्यक्ष सहित समागत विशिष्ट अतिथियों का स्वागत अधिष्ठाता योग संकाय एवं संकाय सदस्यों डॉ हरेराम पाण्डेय, डॉ प्रवीण कुमार गुप्ता, डॉ. श्यामसुंदर पाल, डॉ. संदीप ठाकरे एवं डॉ. नीलम श्रीवास्तव ने शाल, श्रीफल पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो द्वारा किया।  अतिथियों का वाचिक स्वागत करते हुए प्रो. जितेंद्र कुमार शर्मा अधिष्ठाता, योग संकाय ने श्वेताश्वतर उपनिषद का उदाहरण देते हुये योग के उद्देश्य सहित योग हेतु समुचित स्थान एवं ध्यान के समय रखी जाने वाली विशेष शारीरिक स्थिति पर प्रकाश डाला। आपने बताया कि योग दुखों से आत्यंतिक निवृत्ति के साथ नि:श्रेयस की प्राप्ति का भारतीय मनीषियों द्वारा प्रदत्त दिव्य उपहार है।

 स्वागत भाषण के उपरांत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के ध्येय वाक्य “स्वयं और समाज के लिए योग” के अनुरूप लोक स्वास्थ्य संवर्धनार्थ कॉमन योग प्रोटोकॉल का संयुक्त अभ्यास किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हरेराम पाण्डेय एवं कॉमन योग प्रोटोकॉल का संयुक्त डिमोन्सट्रेशन योग विभाग के स. आचार्य डॉ श्याम सुंदर पाल, डॉ संदीप ठाकरे, पीएचडी एवं परास्नातक योग की छात्र/छात्राओं श्री रमाशंकर सिंह ठाकुर, प्रखर त्यागी एवं सुश्री राधा पटेल द्वारा किया गया। वस्तुतः कॉमन योग प्रोटोकॉल का नियमित अभ्यास प्रचार- प्रसार से ही सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया: की आर्ष भावना को साकार किया जा सकता है।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय के  कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने बताया कि योग, योगक्षेम की प्राप्ति के साथ ही साथ निर्वाण प्राप्ति का माध्यम भी है। इसके नियमित अभ्यास से मनुष्य शारीरिक व मानसिक आरोग्य प्राप्त करने के साथ ही जीवन के परम लक्ष्य- परम परमतत्व की प्राप्ति भी कर सकता है। योग वैयक्तिक चेतना के साथ परात्पर चेतना के  मिलन का अद्भुत साधन है। आपने नियमित योगाभ्यास के साथ-साथ प्रणव साधना (ॐकार जप) पर जोर दिया। 

धन्यवाद ज्ञापन योग विभाग स.आचार्य डॉ प्रवीण गुप्त ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

एक टिप्पणी भेजें

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *

Blogger द्वारा संचालित.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget