शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा अब भिण्ड में करेंगे सेवा कार्यnrmadanewstimes.in


 *शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा अब भिण्ड में करेंगे सेवा कार्य।


अनूपपुर/शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए एक माह पूर्व आवेदन दे दिया है। वह अब भिण्ड जिले में सेवा कार्यों का संकल्प लेकर 6 अक्टूबर को भिंड पधार रहे हैं। इस अवसर पर नगर वासियों द्वारा उनका भव्य स्वागत तथा नागरिक अभिनंदन किया जाएगा।राजीव शर्मा नागरिक अभिनंदन समिति ने भिंड जिले के सभी नागरिकों से अपनी माटी के सुप्त का दिल खोलकर स्वागत करने की अपील की है।राजीव शर्मा के बाबा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे तथा आजादी के उपरांत कमुनिस्ट आंदोलन से जुड़ गए, कामरेड बाबा जनक राम अपने निजी प्रयासों से एक संपादक के रूप में अखबार भी निकालते थे। राजीव शर्मा के पिता रामनारायण शर्मा ने भी शासकीय सेवा छोड़कर 1967 में सार्वजनिक विद्यालय की स्थापना की थी। निर्धन और कमजोर वर्ग के सहायता हेतु संचालित मांटेसरी पद्धति का यह विद्यालय अपने आप में बहुत अनूठा था। गुंदे मास्टर की कोठी में इसी सार्वजनिक मांटेसरी विद्यालय में राजीव की प्रारंभिक शिक्षा  दीक्षा हुई थी।गौरी किनारे किरण निवास में जन्मे राजीव बचपन से ही योगाश्रम से जुड़ गए थे जहाँ उन्होंने योग, प्राणायाम, ध्यान सीखा और गौरी सरोवर में तैराकी भी सीखी।1975 में बाबा और 1977 में पिता की असमय मृत्यु ने परिवार को दुख के भंवर में फंसा दिया। तब चाचा शिवचरण उपाध्याय ने विद्यालय और परिवार की जिम्मेदारी संभाली। काटनजीन स्कूल से कक्षा 8 पास कर राजीव शासकीय बहु.उ.मा. विद्यालय क्रमांक 1 में गए, तथा स्काउट और NCC के अलावा साहित्यक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाषण, वाद विवाद, अभिनय तथा काव्य पाठ में विजेता बने।तत्पश्चात MIS कॉलेज से इतिहास में MA किया, छात्र संघ का चुनाव जीता। दैनिक उदगार, साप्ताहिक वन खडेश्वर, गौरी सरोवर आदि में पत्रकारिता की। 1978 में तरुण कला संगम की स्थापना की। एनएसएस में भिण्ड और म प्र का राष्ट्रीय स्तर तक प्रतिनिधित्व किया। 21 वर्ष की आयु में प्रथम प्रयास में ही म प्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा टॉप कर प्रशासनिक सेवा में चले गए।शहडोल संभाग में आदिवासियों के बीच फुटबॉल को घर -घर तक पहुंचाया जिसकी चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात में कर चुके हैं।डिप्टी कलेक्टर से कमिश्नर पद तक की यात्रा में  राजीव शर्मा ने अपनी प्रशासनिक दक्षता के कई उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। मंडला जिले में हर टोला मजरे को मुख्य सड़क से जोड़ने की बात हो या नरसिंहपुर में जलाभिषेक योजना की बात हो, शहडोल में कुओं को रिचार्ज कर भूजल स्तर को ऊपर उठने की बात हो या शाजापुर में संतरा क्रांति करके किसानों को समृद्ध बनाने की बात हो, राजीव शर्मा ने जहां-जहां भी वह पदस्थ रहे हैं वहां उन्होंने अपनी प्रशासनिक दक्षता से आम जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाया है।संक्षेप में राजीव शर्मा की उपलब्धियां निम्नलिखित हैं।


1-Best SDM Award winner


2-Best CEO Zp invited in Mussoorie academy 2006


3-world poverty conference 2008 में इनके काम पर फ़िल्म दिखाई गई।


4- थाई सरकार ने रॉयल फेलोशिप दी 2006- S-USA की साइराक्यूज यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय कोर्स 2018


6- दक्षिण कोरिया के KDI से प्रशिक्षित 2016


7- अंतर्राष्ट्रीय वैली ऑफ बुक्स अवार्ड से सम्मानित


8- एक दर्जन से अधिक पुस्तकों के लेखक जिनमें विद्रोही सन्यासी की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही हैं तथा मराठी, बांग्ला, अंग्रेजी एवं उर्दू में अनुवाद


9- फुटबॉल क्रांति, जल क्रांति के जनक


अपने गौरी किनारा,वन खंडेश्वर मार्ग स्थित पैतृक निवास को छात्रों के हित में निशुल्क वातानुकूलित लाइब्रेरी में परिवर्तित किया इस दौरान 7 दिन भिंड में रहे और भिंड के वर्तमान हालात देखकर यह चिंतन किया कि भिण्ड विकास में पीछे क्यों? इस पीड़ा से द्रवित होकर अब उन्होंने कमिश्नर पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर अपनी जन्मभूमि को ही कर्मभूमि बनाने का निर्णय किया है, जिससे भिण्ड जिला को विकास मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।

राजीव शर्मा नागरिक अभिनंदन समिति ने प्रतिभाशाली लेखक, कवि, बेहतरीन प्रशासक राजीव शर्मा का विभांडक ऋषि की तपोभूमि चंबल की धरती पर 6 अक्टूबर को शाम 5 बजे खंड़ा रोड़, अहिंसा चौक पर अभूतपूर्व स्वागत करने की अपील की है।

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