एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के विशेष संदर्भ में उच्च शिक्षा में उन्नत शिक्षण और कक्षा वितरण तकनीकों के लाभ और उपयोग सभी को मिले: प्रभारी कुलपति प्रो ब्योमकेश त्रिपाठी
संपादित पुस्तक का विमोचन और ई एंड आईसीटी अकादमी, आईआईटी गुवाहाटी द्वारा पर्यटन प्रबंधन विभाग, आईजीएनटीयू के सहयोग से आयोजित एक सप्ताह की एफडीपी का हुआ उद्घाटन
अमरकंटक । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में पर्यटन प्रबंधन विभाग के सहयोग से ई एंड आईसीटी अकादमी, आईआईटी गुवाहाटी द्वारा 21 से 25 अप्रैल 2025 तक ‘उच्च शिक्षा में उन्नत शिक्षा शास्त्र और कक्षा वितरण संवर्धन तकनीक’ पर एक सप्ताह की एफडीपी का उद्घाटन किया गया।
इस अवसर पर प्रभारी कुलपति प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी, अंजन चौधरी, आईआईटी गुवाहाटी के ईएंडआईसीटी अकादमी के रिसोर्स पर्सन, प्रो. एस. के. बराल, डीन एफसीएम, डॉ. प्रशांत कुमार सिंह, पर्यटन प्रबंधन विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष, डॉ. अनिल कुमार टम्टा, एफडीपी कार्यक्रम के कोर्स कोऑर्डिनेटर, डॉ. रोहित रवींद्र बोर्लिकर, डॉ. जयप्रकाशनारायण जी, डॉ. केशव सिंह राठौड़ एवं साहिल शर्मा, आईआईटी गुवाहाटी के ईएंडआईसीटी अकादमी के सहायक परियोजना वैज्ञानिक उपस्थित थे। इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए प्रो. गौरव त्रिवेदी, आईआईटी गुवाहाटी के ईएंडआईसीटी अकादमी के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर थे।
प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी ने एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के विशेष संदर्भ में उच्च शिक्षा में उन्नत शिक्षण और कक्षा वितरण तकनीकों के लाभ और उपयोग पर प्रकाश डाला। इस एफडीपी के रिसोर्स पर्सन अंजन चौधरी ने शिक्षण में आवश्यक एटीट्यूड क्राफ्टिंग, मेंटरिंग तकनीक, व्यक्तित्व विकार, एंकरिंग इमोशन और जीवन कौशल पर ध्यान केंद्रित किया। प्रो. एस. के. बराल, डीन एफसीएम ने दुनिया भर में उच्च शिक्षा में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली विभिन्न तकनीकों पर चर्चा की।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और कर्नाटक के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस एफडीपी में कई समूह गतिविधियां, अनुभवात्मक शिक्षण और मूल्यांकन किए गए। सभी प्रतिभागियों ने विभिन्न शिक्षण विधियों और कक्षा वितरण तकनीकों को सीखा जो सभी प्रतिभागियों के लिए आज के युग में बहुत उपयोगी है । ई एंड आईसीटी अकादमी, आईआईटी गुवाहाटी द्वारा दिए गए सभी मॉड्यूल और अध्ययन सामग्री शिक्षण विधियों में बहुत उपयोगी हैं।
25 अप्रैल 2025 को प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए और एफसीएम सभागार में समापन सत्र आयोजित किया गया।