चंद्रयान-3 की सफलता ने हमको यह प्रेरणा दी है कि विफलता तथा असफ़लता की जगह सफलता तथा पूर्ण सफलता को जीवन के प्रेरक शब्द बनाएं।
........ कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी
अनूपपुर /इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में आयोजित चंद्रयान उत्सव के अवसर पर कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि इस समय देश में उत्सव का माहौल है। चंद्रयान-3 की सफलता ने हमको यह प्रेरणा दी है कि विफलता तथा असफ़लता की जगह सफलता तथा पूर्ण सफलता को जीवन के प्रेरक शब्द बनाएं। उन्होंने आगे कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता हिंदुस्तान के विज्ञान की सबसे बड़ी विशेषता अपने ऊपर, अपने कार्य के ऊपर, तथा कार्य की सिद्धि पर पूर्ण विश्वास होना है। चंद्रयान-3 की सफलता भारत की मेधा की पहचान है, नए भारत की उड़ान का और अंतरिक्ष में नए भारत के सशक्त स्थान का द्द्योतक है। कुलपति जी ने आगे कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता नए भारत में नए उत्साह का संचार करेगी तथा इसके लिए राष्ट्रनायक मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चंद्रयान-3 अभियान के सूत्रधार एस सोमनाथ एवं इसरो के वैज्ञानिकों पर हम सबको गर्व है। विश्वविद्यालय परिवार उनको बधाई देता है। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रोफेसर ए. के. शुक्ला और छात्र कल्याण संकाय प्रमुख प्रो. भूमिनाथ त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। अतिथियों का स्वागत एनसीसी अधिकारी डा जितेंद्र कुमार सिंह ने किया। विषय का परिचय कराते हुए रासेयो के संयोजक प्रो राघवेंद्र मिश्रा ने चंद्रयान उत्सव के तहत आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं की रूपरेखा स्पष्ट की। धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार सिंह ने दिया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. एन.एस. मुर्ति, वित्त अधिकारी प्रो. जितेंद्र शर्मा सहित प्रो. पी.के. शामल, प्रो. आलोक पांड्या, प्रो. मैती, प्रो. विकास सिंह, प्रो. रेनू सिंह, प्रो. घोराई, प्रो. ए.पी. सिंह, प्रो. नागाराजू, डा. शिव कुमार मिश्रा, डा. ललित कुमार मिश्रा, प्रज्ञा मिश्र, डा. राहिल यूसुफ ज़ई, डा. अभिषेक बंसल, डा. राघव प्रसाद परुआ, डा. ऋषि पालीवाल, रत्नेश श्रीवास्तव, विनोद वर्मा, हरीश विश्वकर्मा, डा. कमलेश पांडेय, अनुराग कुमार सिंह, आशीष कुमार गुप्ता, पंकज पयासी, आकाश द्विवेदी, दीपक त्रिपाठी, गौरव, सचिन द्विवेदी आदि सहित, छात्र-छात्राएं , एनएसएस स्वयं सेवक, एनसीसी कैडेट उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रामभूषण तिवारी ने किया ।