शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में विश्व एड्स दिवस पर रंगोली एवं ऑनलाइन क्विज़ प्रतियोगिता का सफल आयोजन


अनूपपुर । विश्व एड्स दिवस के अवसर 01 दिसंबर 2025 को शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संरक्षक प्रो. अनिल कुमार सक्सेना के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं रेड रिबन क्लब के संयुक्त तत्वावधान में रंगोली प्रतियोगिता एवं ऑनलाइन क्विज़ प्रतियोगिता  का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में मुख्य रूप से  जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता का सशक्त संदेश दिया।

रंगोली प्रतियोगिता में छात्रा- आरती नायक, अमीषा राठौर ,छाया रजक, पूजा देवी, राधिका, माया, संजना,अंबे गुप्ता, मनीषा मिश्रा, मोहवती देवी ने लाल रिबन को आशा, विश्वास और जन-जागरूकता का प्रतीक बताते हुए आकर्षक एवं संदेश पूर्वक रंगोलियों का प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों ने सामाजिक संवेदनशीलता, भेदभाव-मुक्त व्यवहार और सुरक्षित जीवनशैली अपनाने का संदेश अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसे महाविद्यालय  ने सराहा।

दूसरी ओर, ऑनलाइन क्विज़ प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया। क्विज़ के माध्यम से छात्रों ने एचआईवी/एड्स के कारण, लक्षण, रोकथाम, भ्रांतियों एवं जागरूकता से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को जाना। इस प्रतियोगिता ने छात्रों की जानकारी को समृद्ध करने के साथ ही उनके भीतर जागरूक नागरिक बनने का भाव भी प्रबल किया।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.अनिल कुमार सक्सेना ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल विद्यार्थियों में ज्ञानवृद्धि करते हैं, बल्कि समाज में एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने और भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में भी प्रेरक सिद्ध होते हैं। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक डॉ.ज्ञानप्रकाश पाण्डेय, कार्यक्रम अधिकारी पूनम धांडे, के मार्गदर्शन में किया गया,  विश्व एड्स दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के समस्त स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया साथ ही छात्रों ने जागरूक, स्वस्थ एवं संवेदनशील समाज निर्माण का संदेश दिया।

 शासकीय तुलसी महाविद्यालय में एनएसएस एवं रेड रिबन क्लब द्वारा पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता सफलता पूर्वक संपन्न


अनूपपुर । शासकीय तुलसी महाविद्यालय, अनूपपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) अनूपपुर इकाई तथा रेड रिबन क्लब के संयुक्त तत्वावधान में विविध गतिविधियों की श्रृंखला के अंतर्गत पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना, स्वास्थ्य जागरूकता तथा रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना था।

प्रतियोगिता का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.अनिल कुमार सक्सेना द्वारा किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को ऐसे आयोजनों में सक्रिय भागीदारी हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि "युवा पीढ़ी समाज में सकारात्मक परिवर्तन की आधार शिला है, इसलिए जागरूकता से जुड़े कार्यक्रमों का महत्व अत्यंत आवश्यक है।"

कार्यक्रम में 'एड्स जागरुकता जानकारी ही सुरक्षा' विषय पर महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों बरखा केवट, तय्यैबा खातून, वंदना पटेल, राधेश्याम, संदीप यादव, निहारिका गौतम, माया चौधरी ,शमा परवीन ,रविकांत, उमांसी चौधरी, पिंकी, सुहानी कहार ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। प्रतिभागियों ने एड्स जागरूकता, स्वास्थ्य संरक्षण, रक्तदान की महत्ता, सामाजिक उत्तरदायित्व, तथा सुरक्षित जीवन व्यवहार जैसे विषयों पर अत्यंत प्रभावशाली और संदेश पूर्ण पोस्टर प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम का आयोजन NSS जिला संगठक डॉ.ज्ञानप्रकाश पाण्डेय,कार्यक्रम अधिकारी पूनम धांडे एवं डॉ.तरून्नुम सरवत तथा रेड रिबन क्लब के द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियाँ विद्यार्थियों में जागरूकता तथा रचनात्मक सोच को बढ़ाने का माध्यम हैं और समाज में सकारात्मक संदेश प्रसारित करती हैं।

महाविद्यालय प्रशासन ने सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे रचनात्मक आयोजनों के निरंतर संचालन की बात कही।

 *महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू नए भारत की जनजातीय गौरव और महिला सशक्तिकरण की जीवंत प्रतीक: प्रो. विकास सिंह


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अनूपपुर

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक में जनजातीय गौरव पखवाड़ा (01 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025) के अंतर्गत आज एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन स्वदेशी जागरण मंच तथा राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसका विषय था — “नए भारत के परिप्रेक्ष्य में जनजातीय गौरव का महत्व।” इस कार्यक्रम में छात्रों, अध्यापकों, एवं सामाजिक संगठनों ने जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, इतिहास, संघर्षों और समकालीन उपलब्धियों पर विमर्श किया। कार्यक्रम का शुभारंभ जनजातीय देवताओं की वंदना और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के गौरव गाथा पर विमर्श से शुरू हुआ। 

मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए स्वदेशी शोध संस्थान के राष्ट्रीय सचिव एवं स्वदेशी जागरण मंच के महाकौशल प्रांत के प्रांत सह-संयोजक प्रो. विकास सिंह ने कहा कि — “महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आधुनिक भारत की जनजातीय गौरव गाथा और महिला सशक्तिकरण की सबसे सशक्त प्रतीक हैं। वे न केवल मातृशक्ति का प्रतीक हैं, बल्कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होकर करोड़ों जनजातीय परिवारों के गौरव का प्रतिनिधित्व करती हैं।”

प्रो. विकास ने आगे कहा कि रैरंगपुर से रायसीना हिल्स तक की उनकी यात्रा इस बात का जीवंत प्रमाण है कि भारत में आज अवसरों का लोकतंत्र हर वर्ग तक पहुंचा है। राष्ट्रपति मुर्मू का सादा जीवन, सेवाभाव और जनजातीय मूल्यों के प्रति निष्ठा, उन्हें ‘धरती की बेटी से राष्ट्र की जननी’ के रूप में प्रतिष्ठित करती है। 

प्रो. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आज प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा 15 नवम्बर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय एक ऐतिहासिक पुनर्स्मरण है। यह न केवल भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का सम्मान है, बल्कि जनजातीय संस्कृति, परंपरा, स्वाभिमान और विकास को राष्ट्रीय नीति के केंद्र में लाने का प्रतीक है तथा करोड़ों जनजातीय परिवार को सम्मान देने का जीवंत कार्य है।

ऑनलाइन मोड से जुड़े विश्वविद्यालय के कार्य परिषद के सदस्य तथा एबीवीपी के पूर्व विभाग संगठन मंत्री तथा मध्य क्षेत्र स्वावलंबन केंद्र प्रमुख मोरध्वज पैकरा ने कहा की  स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में जनजातीय समाज के बलिदान और योगदान को लंबे समय तक उपेक्षित किया गया, जबकि भारत की स्वतंत्रता की नींव में उनके संघर्षों की गूंज सदैव रही है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, तिलका मांझी, टांट्या भील, रानी दुर्गावती, शंकर शाह–रघुनाथ शाह और रानी गाइदिनल्यू जैसे वीरों ने अपने अदम्य साहस से अंग्रेजी सत्ता को चुनौती दी और जनजातीय चेतना को जागृत किया। स्वदेशी जागरण मंच और स्वदेशी शोध संस्थान देश के विभिन्न प्रांतों में जनजातीय उद्यमिता, शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के पुनरुद्धार के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने IGNTU के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय भारत के जनजातीय बौद्धिक नवजागरण का केंद्र बन रहा है।

मोरध्वज पैकरा ने आगे कहा की  भारत में जनजातीय समाज केवल संरक्षण का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण का प्रमुख सहभागी है। आज जब देश विकसित भारत @2047 के पथ पर अग्रसर है, तब जनजातीय समाज की भागीदारी ही भारत की आत्मा को पूर्णता प्रदान करती है। भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू का जीवन यह प्रमाणित करता है कि शिक्षा, संस्कार और स्वाभिमान के बल पर कोई भी जनजातीय बेटी राष्ट्र की दिशा बदल सकती है।

कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने “धरती आबा अमर रहें” और “जय जनजातीय भारत” के नारों से सभागार गुंजायमान कर दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महाकौशल प्रांत के युवा आयाम प्रमुख डॉ विनोद वर्मा, डिंडोरी जिला संयोजक हरिश्चंद्र विश्वकर्मा, शोध विद्वान विशाल ताम्रकार, आयन ब्रह्मा, शबनम इराकी, रोहित श्रीवास, प्रशांत अग्रवाल, गौरव सिंह, डॉ. दिनेश परस्ते, डॉ. आशीष गुप्ता, डॉ. पंकज प्यासी सहित सैकड़ो की संख्या में युवा छात्र एवं शिक्षक उपस्थित थें।

 मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर लोक नृत्य और लोकसंगीत से सराबोर हुआ प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय


                अनूपपुर
। मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस, शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में जिला स्तरीय युवा उत्सव में छात्र-छात्राओं कला साहित्य और संगीत का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सब का मन मोह लिया। एक और जहां लोक संस्कृति की बहुरंगी छटा लोक नृत्य के माध्यम से छात्राओं ने बिखेर कर खूब वाह - वाही लूटी वहीं दूसरी ओर छात्राओं ने एकल वादन , एकल गायन, समूह गायन और सुगम संगीत के विभिन्न कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी । कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ प्राचार्य डॉक्टर अनिल कुमार सक्सेना के द्वारा मां सरस्वती जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से, तत्पश्चात मध्यप्रदेश गान और वंदे मातरम गीत की प्रस्तुति महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा दी गई ।  इस अवसर पर मंचासीन प्राध्यापकों डॉक्टर राधा सिंह, डॉ जे के संत, डॉ नीरज श्रीवास्तव, डॉक्टर सारमे तथा विभिन्न महाविद्यालय से आए दल प्रमुख प्राध्यापकों का बैच और बुके भेंट कर स्वागत  अभिनंदन किया गया ।  ज्ञातव्य है कि जिला स्तरीय युवा उत्सव में अग्रणी कॉलेज अनूपपुर के  अंतर्गत  पुष्पराजगढ़ महाविद्यालय, कोतमा, बिजुरी, राजनगर और वेंकटनगर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने शिरकत किया ।


 विंध्य प्रांत स्तरीय "भारत को जानो" प्रतियोगिता का शहडोल में सफल आयोजन

सतना की जूनियर व सीनियर टीम ने किया प्रथम स्थान प्राप्त

शहडोल। भारत विकास परिषद के संस्कार प्रकल्प के अंतर्गत आयोजित विंध्य प्रांत स्तरीय “भारत को जानो” प्रतियोगिता का सफल आयोजन दिनांक 02 नवंबर 2025 को भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद शाखा शहडोल के तत्वाधान में किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी  नरेंद्र सिंह परमार, सचिव, मध्य प्रदेश शासन खनिज साधन विभाग उपस्थित रहे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में सिंघई राहुल जैन, सदस्य राष्ट्रीय संस्कार टीम भारत विकास परिषद की गरिमामई उपस्थिति रही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांत अध्यक्ष डॉ देवेंद्र कुमार तिवारी ने की।

प्रतियोगिता के पर्यवेक्षण का दायित्व  अनिल कुमार डागा, क्षेत्रीय संयोजक संस्कार मध्य क्षेत्र द्वारा निर्वहन किया गया।

साथ ही प्रांतीय महासचिव  योगेश जैन, प्रांतीय कोषाध्यक्ष  आलोक खोडियार , प्रांतीय संयोजक संस्कार  सुरेश बिश्नोई एवं प्रांतीय मीडिया प्रभारी बीरेंद्र सिंह कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से जूनियर एवं सीनियर वर्ग की 7-7 टीमों ने अपने शिक्षक एवं अभिभावकों के साथ सहभागिता की। उत्साहपूर्ण प्रतिस्पर्धा के बीच जूनियर और सीनियर दोनों वर्ग में सतना की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर जिले का गौरव बढ़ाया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में भारत विकास परिषद स्वामी विवेकानंद शाखा शहडोल के सभी सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई। वरिष्ठ दायित्व धारी सदस्यों की उपस्थिति से आयोजन की गरिमा और भी बढ़ गई।

शाखा की ओर से सभी अतिथियों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए आगे भी प्रेरणादाई सहयोग एवं मार्गदर्शन की अपेक्षा व्यक्त की गई।

नवगठित शाखा द्वारा भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ अनेक श्रेष्ठ कार्यक्रम किए जाने की घोषणा की गई।

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के स्थापना दिवस पर करेंगे पीएम श्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ


इंट्रा स्टेट स्टेट कनेक्टिविटी स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश

70वें स्थापना दिवस पर मध्य प्रदेश में पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान 

प्रदेश के तीन सेक्टरों में 20 नवम्बर से होगा नियमित संचालन

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लोक-निजी भागीदारी से शुरू होगी सेवा

पर्यटकों में मिलेगी सुगम यात्रा की सुविधा, पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

मध्य प्रदेश के 70वें स्थापना दिवस पर प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में नई सौगात मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 1 नवंबर को राजा भोज एयरपोर्ट भोपाल से ‘पीएम श्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा’ का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री  किंजरापु राममोहन नायडू, भारत के विधि और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  अर्जुन राम मेघवाल, पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी की गरिमामई उपस्थिति रहेंगी। मुख्यमंत्री डॉ यादव के फ्लैग ऑफ़ के साथ तीनों हेलीकॉप्टर उज्जैन के लिए प्रस्थान करेंगे। हेलीकॉप्टर सेवा का नियमित संचालन 20 नवम्बर 2025 से प्रारंभ होगा।

पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा राज्य के पर्यटन स्थलों के बीच हवाई संपर्क को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से ‘पीएम श्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा’ प्रारंभ की जा रही है। लोक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के अंतर्गत यह सेवा मध्य प्रदेश के पर्यटन को नई उड़ान देगी। 

अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड  शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश देश में इंट्रा स्टेट एयर कनेक्टीविटी संचालित करने वाला प्रथम राज्य है। ‘पीएम श्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा’ प्रदेश में प्रमुख धार्मिक, वन्यजीव एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के बीच यात्रा अधिक सुविधाजनक और आकर्षक बनेगी। यह पहल मध्य प्रदेश को एक नए पर्यटन आयाम की ओर अग्रसर करेगी, जिससे राज्य के एडवेंचर, हेरिटेज, और स्पिरिचुअल टूरिज्म को नई पहचान मिलेगी तथा देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए यात्रा अनुभव और भी समृद्ध होगा।

‘पीएम श्री हवाई पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा’ का संचालन प्रत्येक सेक्टर में सप्ताह में पांच दिन किया जाएगा। सेवा संचालन के लिए सेक्टर-1 में मेसर्स ट्रांस भारत एविएशन तथा सेक्टर-2 और सेक्टर-3 में मेसर्स जेट सर्व एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ तीन वर्ष की अवधि के लिए अनुबंध निष्पादित किए गए हैं। प्रारंभिक चरण में निजी ऑपरेटर द्वारा प्रत्येक सेक्टर में हेलीकॉप्टर संचालित किए जाएंगे, जिनमें कम से कम छह यात्री सीटें होंगी।

इन तीन सेक्टरों में होगा हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन

सेक्टर 1: इंदौर – उज्जैन – ओंकारेश्वर

सेक्टर 2: भोपाल – मढ़ई – पचमढ़ी

सेक्टर 3: जबलपुर – बांधवगढ़ – कान्हा






 भारत विकास परिषद की विंध्य प्रांत की प्रांतीय राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता संपन्न






















अनूपपुर। भारत विकास परिषद विंध्य प्रांत द्वारा आयोजित प्रांतीय राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता – “राष्ट्रीय चेतना के स्वर” का आयोजन दिनांक 26 अक्टूबर को आस्था होटल, अनूपपुर में संपन्न हुआ। इस प्रतियोगिता का सफल आयोजन भारत विकास परिषद, अनूपपुर शाखा के तत्वावधान में किया गया।

कार्यक्रम में विंध्य प्रांत के 12 जिलों में से 6 जिलों — अनूपपुर, शहडोल, कटनी, छतरपुर, सतना एवं सिंगरौली — की टीमों ने सहभागिता की। परिषद के नियमों के अनुसार प्रतिभागी दलों ने हिंदी, संस्कृत और लोकगीत की तीन विधाओं में अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। निर्णायक मंडल ने प्रस्तुति, स्वर, भाव एवं सामूहिकता के आधार पर परिणाम घोषित किए।

परिणाम इस प्रकार रहे —

*हिंदी गीत श्रेणी:*

*प्रथम* – सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कृष्ण नगर, सतना

*द्वितीय* – ज्ञानोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शहडोल (विवेकानंद शाखा)

*तृतीय* – सेंट्रल एकेडमी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शहडोल (पुरानी शाखा)

*संस्कृत गीत श्रेणी*:

*प्रथम* – सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कृष्ण नगर, सतना

*द्वितीय* – सेंट्रल एकेडमी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शहडोल (पुरानी शाखा)

*तृतीय* – ज्ञानोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शहडोल (विवेकानंद शाखा)

*लोकगीत श्रेणी*:

*प्रथम* – ज्ञानोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शहडोल (विवेकानंद शाखा)

*द्वितीय* – बार्डले इंग्लिश मीडियम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कटनी

*तृतीय* – ज्ञानोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अनूपपुर

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मनोज कुमार लडिया, प्रधान न्यायाधीश (कुटुंब न्यायालय, जिला एवं सत्र न्यायालय अनूपपुर)* उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्णेन्दु भट्ट, रीजनल संयुक्त महासचिव (भारत विकास परिषद, मध्य क्षेत्र)* एवं अध्यक्षता डॉ. देवेंद्र कुमार तिवारी, प्रांतीय अध्यक्ष (भारत विकास परिषद, विंध्य प्रांत)* ने की।

समापन एवं पुरस्कार वितरण सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में रामलाल रौतेल, अध्यक्ष (कोल विकास प्राधिकरण, मध्य प्रदेश शासन)* तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, जिला संघचालक (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)* उपस्थित रहे। इस सत्र की अध्यक्षता आनंद सिंह, संगठन सचिव (भारत विकास परिषद, विंध्य प्रांत)* ने की।

सभी विजेता टीमों को अतिथियों के करकमलों से प्रशस्ति पत्र, पारितोषिक एवं शील्ड प्रदान की गई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।

कार्यक्रम को सफल बनाने में शाखा अध्यक्ष राजकिशोर तिवारी, सचिव आनंद पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राकेश गौतम, प्रांतीय संस्कार प्रमुख सुरेश कुमार बिसनोई ,प्रांतीय मीडिया प्रभारी बीरेंद्र सिंह, सेवा प्रकल्प प्रभारी श्री द्विवेदी, उपाध्यक्ष अरविंद पाठक, महिला सहभागिता प्रमुख शब्द अधारी  राठौर, तथा “भारत को जानो” प्रमुख पंकज गौतम , सलाहकार सुदामा राम पाण्डेय , पत्रकार नीरज गुप्ता, संरक्षक रामनारायण उरमलिया, प्रदीप कुमार पाण्डेय, शोभना पाण्डेय आदि सदस्यों  की सक्रिय भूमिका रही।

कार्यक्रम का संयोजन शाखा संपर्क प्रमुख अनिल तिवारी द्वारा किया गया तथा संचालन उपाध्यक्ष अरविंद पाठक एवं महिला सहभागिता प्रमुख शब्द अधारी राठौर ने किया।

 *जल संरक्षण की बड़ी पहल : रजहा धाम श्री हनुमंत सेवा समिति द्वारा दूल्हा सरोवर व पांच तालाबों को लखनपुर डायवर्सन से जोड़ने की गुहार लगाई -कलेक्टर से


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*अनूपपुर* । रजहा धाम श्री हनुमंत  सेवा समिति अनूपपुर द्वारा जिले में जल संवर्धन एवं सिंचाई विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। समिति ने दिनांक 16 सितंबर 2025 को जिला प्रशासन के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए मांग की है कि लखनपुर डायवर्सन अंतर्गत पक्की नहर के माध्यम से शासकीय दुल्हा सरोवर (लगभग 33.13 एकड़ जल भराव क्षेत्र) तथा पाइप लाइन के माध्यम से पांच तालाबों—1. शासकीय रजहा सरोवर (लगभग 11 एकड़), 2. देवान, 3. धूलिया, 4. बोकरा एवं 5. सोंहारी—में स्थायी रूप से जल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

इससे पूर्व भी दिनांक 08 मई 2025 को जनसुनवाई में इस संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इसके अतिरिक्त पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक अनूपपुर  बिसाहू लाल सिंह, ग्राम पंचायत सरपंच लखनपुर, पिपरिया, दुलहरा एवं नगर पालिका परिषद अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 10, 14 एवं 15 के नागरिकों, वरिष्ठजनों एवं समाजसेवियों द्वारा मिलकर दिनांक 17 जून 2025 को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपा गया था। इस ज्ञापन में बहुउद्देशीय परियोजना के तहत इन तालाबों को लखनपुर डायवर्सन से जोड़े जाने का प्रस्ताव रखा गया था।

समिति का कहना है कि यदि दुल्हा सरोवर एवं इन पांच तालाबों में नहर एवं पाइप लाइन से नियमित जल प्रवाह सुनिश्चित हो जाता है, तो जिले के मुख्यालय के आसपास लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में जलस्तर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही लगभग 30 ग्रामों के किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी, मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। *ग्रामीणों और समाजसेवियों की राय*

*ग्राम लखनपुर के वरिष्ठ नागरिक धन्नू पटेल पटेल   ने कहा* – 

“हमारे इलाके में हर साल गर्मियों में पानी का संकट बढ़ जाता है। अगर यह परियोजना साकार होती है तो किसानों की सिंचाई आसान होगी और युवाओं को मत्स्य पालन व सब्जी उत्पादन से रोज़गार मिलेगा।”

*ग्राम पिपरिया की महिला किसान श्रीमती सुशीला बाई ने बताया* – “पानी ही हमारी खेती की जान है। नहर और पाइप लाइन से अगर तालाब भर जाएंगे तो हमारी ज़मीनें हर मौसम में उपजाऊ बनेंगी।”

*रजहा धाम समिति के समाजसेवी  सुदामा राम पाण्डेय ने कहा* – “यह योजना जल संरक्षण का आदर्श उदाहरण बन सकती है। इससे आने वाली पीढ़ियां भी लाभान्वित होंगी।”

*ग्राम जमुनिहा के युवक जितेन्द्र  का कहना है* –

 “आज रोज़गार के लिए गांव के लोग बाहर जाते हैं। अगर यह योजना लागू हो गई तो गांव में ही मत्स्य पालन, सब्ज़ी की खेती और सिंचित खेती से युवाओं को रोज़गार मिलेगा।”

*ग्राम दुलहरा के सरपंच प्रतिनिधि ने भी मांग रखते हुए कहा* – 

“हम प्रदेश सरकार से निवेदन करते हैं कि इस कार्य को खनिज प्रतिष्ठान मद से शीघ्र स्वीकृत कराकर जल्द शुरू किया जाए। इससे पूरे क्षेत्र का जलस्तर ही नहीं, बल्कि किसानी की दशा भी बदल जाएगी।”

*नागरिकों का कहना है कि* – “जल ही जीवन है, और जीवन को समृद्ध बनाने का मार्ग जल संरक्षण से होकर ही गुजरता है।”

जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन से पुनः आग्रह किया है कि लखनपुर डायवर्सन से दुल्हा सरोवर एवं पांचों तालाबों को जोड़ने का कार्य शीघ्र प्रारंभ कराया जाए, ताकि आने वाले समय में क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।

 रजहा धाम चौराहा पर ब्रेकर निर्माण की मांग, समिति ने कलेक्टर को सौंपा आवेदन


अनूपपुर। आज दिनांक 15 सितंबर 2025 को रजहा धाम श्री हनुमान मंदिर अनूपपुर समिति द्वारा कलेक्टर महोदय को एक आवेदन प्रस्तुत किया गया। आवेदन में बताया गया कि नगर पालिका परिषद अनूपपुर के वार्ड क्रमांक-10 स्थित रजहा धाम परिसर में श्री हनुमान मंदिर, पंचमुखी शिवालय एवं शनि मंदिर स्थापित हैं।

समिति ने उल्लेख किया कि प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को यहां भारी संख्या में भक्तगण पहुंचते हैं। साथ ही यह स्थान रजहा धाम चौराहा ,शंकर मंदिर पिपरिया-दुलारा मुख्य मार्ग पर होने के कारण हमेशा व्यस्त रहता है। तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही से आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं।

आवेदन में बताया गया कि पूर्व में भी दिनांक 01 अप्रैल 2025 को जनसुनवाई में इस संबंध में निवेदन प्रस्तुत किया गया था। उस समय कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार नगर पालिका के उप यंत्री द्वारा स्थल का निरीक्षण कर ब्रेकर लगाएं जाने की आवश्यकता बताई गई थी। किंतु पांच माह बीत जाने के बाद भी आज तक ब्रेकर का निर्माण नहीं हो सका। समिति ने आशंका जताई कि मानो किसी अप्रिय घटना के घटित होने का इंतजार किया जा रहा हो।

समिति ने पुनः कलेक्टर महोदय का ध्यान आकर्षित करते हुए निवेदन किया है कि सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल रजहा धाम चौराहा, वार्ड क्रमांक-10, शंकर मंदिर पिपरिया-दुलारा मार्ग पर शीघ्र ब्रेकर का निर्माण कराया जाए।

 स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में डीवीएम पब्लिक स्कूल  ने दूसरा स्थान प्राप्त किया



अनूपपुर ।आज उत्कृष्ट विद्यालय के ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ ।डीवीएम पब्लिक स्कूल ने जूनियर ग्रुप में दूसरा स्थान प्राप्त कर जिला में अपना स्थान बनाया। 

 नन्हें -मुन्ने बच्चें आदिवासी गीत में नृत्य किए जो कि दर्शकों के मन को मोह लिए उनके सिर पर बंधे मोर के पंख अत्यंत सुंदर लग रहे थें। प्यारे बच्चों ने जैसी मेहनत करके और सभी शिक्षक शिक्षिकाएं काफी मेहनत के कर बच्चों को तैयार किया था।

विद्यालय की इस सफलता को जब डायरेक्टर सर डॉक्टर वाचस्पति कुलवंत  ने सुना तो उन्होंने बच्चों को व शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई दी ।

अंत में प्राचार्य सुशीला कुलवंत ने बच्चों की भूरि- भूरि प्रशंसा की उन्होंने कहा बच्चों की कड़ी मेहनत और लगन के कारण उन्होंने जिला में अपना दूसरा स्थान प्राप्त किया सभी मार्गदर्शी शिक्षकों को बहुत-बहुत बधाई धन्यवाद के पात्र हैं और इसी शुभकामना के साथ आगे और ऐसी मेहनत करते रहें, विद्यालय उन्नति की ओर अग्रसर रहें।

 शासकीय प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चचाई का भव्य रीयूनियन कार्यक्रम सम्पन्न – भावनाओं का ऐतिहासिक संगम


अनूपपुर । स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 का पावन दिन, शासकीय प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चचाई के लिए इतिहास में स्वर्णाक्षरों से अंकित हो गया। इस दिन विद्यालय के भूतपूर्व छात्र–छात्राओं का बहुप्रतीक्षित रीयूनियन कार्यक्रम अत्यंत हर्षोल्लास और गरिमामई वातावरण में सम्पन्न हुआ।

सुबह विद्यालय प्रांगण में प्राचार्या श्रीमती फानुस जमाल खां द्वारा ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। राष्ट्रगान की गूंज से वातावरण देशभक्ति के रंग में रंग गया। इसके उपरांत शिक्षक अभय मिश्रा, सलमा बेगम द्वारा पूर्व शिक्षकों एवं वर्तमान प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। छात्र–छात्राओं ने हाथों में तिरंगा लिए डीजे की धुन पर प्रभात फेरी निकाली, जिससे पूरा कॉलोनी "भारत माता की जय" और देशभक्ति गीतों से गुंजायमान हो उठा।

*शाम का भावनात्मक मिलन समारोह*

शाम 6 बजे एम.पी.ई.बी. हॉस्टल परिसर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम ने मानो विद्यालय के सुनहरे इतिहास को पुनर्जीवित कर दिया। ढोल–नगाड़ों और देशभक्ति नारों के बीच पूर्व शिक्षक- वेद व्यास दवे, राम नारायण द्विवेदी, मो. इश्तियाक खां , श्रीमती विमला दीक्षित , गंगा सिंह सेंगर, राम करन गुप्ता, श्रीमती शोभना अर्गल खरे, यू के बघेल, तेजभान सिंह, आशीष तिवारी, एन पी गुप्ता  का स्वागत आरती-वंदन और पुष्प वर्षा से किया गया।

मां सरस्वती के तेल चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके बाद छात्रों ने तिलक वंदन कर, शाल-श्रीफल भेंट कर और चरण-स्पर्श कर अपने गुरुजनों का अभिनंदन किया।

*कार्यक्रम का विशेष आकर्षण था –*

नारायण सिंह थापा, अवधेश विश्वकर्मा, ओम प्रकाश यादव पूर्व छात्रों का सम्मान जो आज देश की सेवा में सैनिक बलों में कार्यरत हैं। उन्हें भी शाल-श्रीफल भेंट कर गौरव के साथ सम्मानित किया गया। पूरा सभागार "वंदे मातरम्" और "जय हिंद" के नारों से गूंज उठा।

*रीयूनियन पत्रिका का विमोचन एवं शिक्षकों का आशीर्वचन*

इस अवसर पर पूर्व शिक्षकों द्वारा रीयूनियन स्मृति पत्रिका का विमोचन किया गया। अपने आशीर्वचन में *गुरुजनों ने भावुक होते हुए कहा –*

"हमने ऐसा कौन सा पुण्य किया था कि आज हमें देश-विदेश में बसे अपने शिष्यों का यह स्नेह और सम्मान प्राप्त हो रहा है। यह क्षण हमारे लिए अमूल्य और अविस्मरणीय है।"

उन्होंने पूर्व विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य एवं परिवार की सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।

*कविता, स्मृतियां और नर्मदा दर्शन*

पूर्व छात्रों ने अपनी रचनात्मक प्रस्तुतियों और कविताओं के माध्यम से विद्यालय की स्मृतियों को ताजा किया। किसी ने अपनी जन्मस्थली का परिचय दिया तो किसी ने बचपन के दिनों और शिक्षा के मूल्य को शब्दों में पिरोया।

कार्यक्रम के बाद 17 अगस्त 2025 को सभी भूतपूर्व छात्र-छात्राओं का अमरकंटक में मां नर्मदा दर्शन हेतु भ्रमण आयोजित किया गया, जहां प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कर कार्यक्रम को और भी भव्यता मिली।

*इतिहास का महाकुंभ*

यह रीयूनियन केवल एक मिलन समारोह नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संगम सिद्ध हुआ। सादगी, आत्मीयता और सम्मान का यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गया।

*सभी ने एक स्वर में कहा –*

"जो पौधा कभी विद्यालय में लगाया गया था, वह आज 50–60 वर्षों में एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है, जिसकी छाया का लाभ आज पूरा देश और विदेश उठा रहा है।"

👉 *यह रीयूनियन कार्यक्रम* 

विद्यालय, शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच गुरु–शिष्य परंपरा की अमर गाथा को पुनः जीवित करने वाला एक ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ है।

 📰 बलदाऊ जन्मोत्सव कार्यक्रम प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर हुआ संपन्न 



📍 अनूपपुर। 14 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में आज बलराम जयंती के पावन अवसर पर "भारतीय ज्ञान परंपरा" के माध्यम से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर भगवान बलराम के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार सक्सेना ने बलराम जी के जीवन और उनके लोक हितकारी कार्यों पर प्रकाश डाला। साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा की प्रासंगिकता को भी विस्तार से समझाया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण, भजन, नाटक और वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

डॉ. नीरज श्रीवास्तव ने कहा कि बलराम जी का जीवन हमें धर्म, पराक्रम और सेवा भाव की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम में उपस्थित विनोद कुमार कोल, पूनम धाण्डे, ऋषिकेश चंन्द्र वंशी, डॉ. तरन्नुम सरवत, डॉ. दुर्गेश द्विवेदी की भागीदारी महत्वपूर्ण रही। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. हीरा सिंह गोंड प्रभारी भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

 *शासकीय तुलसी महाविद्यालय में मनाया गया कारगिल विजय दिवस


      अनूपपुर । जिला के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर में कारगिल विजय दिवस  मनाया गया। कार्यक्रम का शुभांरभ प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सक्सेना के द्वारा कारगिल युद्ध के वीर नायकों की बहादुरी और वीरता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय में विचार गोष्ठी, चित्र- प्रदर्शनी और डॉक्यूमेंट्री चलचित्र का प्रदर्शन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या छात्र/छात्राओं सहित शैक्षणिक  स्टॉफ की सहभागिता रही। स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रो. विनोद कुमार कोल, डॉ. देवेंद्र सिंह बागरी, डॉ. सूरज पारवानी , डॉ. तरन्नुम सरवत, श्रीमती ज्योति रौतेल और डॉ. सतेन्द्र सिंह चौहान ने कार्यक्रम के आयोजन में सहभागिता कर सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर सभी प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने हमारे सेना के वीरता , साहस और जज्बे को सलाम किया।

 जिला स्तरीय पर्यटन क्विज प्रतियोगिता में शा. उ. मा. वि. लपटा के विद्यार्थियों ने पहला स्थान किया प्राप्त 


अनूपपुर । 04 /08/ 2025 मध्य प्रदेश पर्यटन क्विज प्रतियोगिता 2025 का आयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) अनूपपुर में आयोजित किया गया। जिसमें जिले के 115 विद्यालयों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। क्विज प्रतियोगिता अंतर्गत प्रथम चरण के लिखित परीक्षा का आयोजन सुबह 10 बजे से 12 बजे के मध्य आयोजित किया गया, जिसमें से अधिक अंक प्राप्त श्रेष्ठ 06 टीम ने मल्टीमीडिया राउंड में अपना स्थान बनाया। क्विज मास्टर  शिवदत्त पाण्डेय द्वारा मल्टीमीडिया राउंड कराया गया, जो कि 10 राउंड में आयोजित किया गया, जिसमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लपटा ने सर्वाधिक 410 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। लिखित परीक्षा में भी इन्होंने 100 में 82 अंक प्राप्त किया। दोनों में विद्यालय के विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए सफल हुए। द्वितीय स्थान पर शासकीय मॉडल स्कूल अनुपपुर,तृतीय स्थान पर शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अनुपपुर रहें। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले सभी टीम को मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से 3 दिन 2 रात के लिए मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल का भ्रमण करने का अवसर प्राप्त हुआ। चौथे स्थान पर शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय अनुपपुर, पांचवे स्थान पर अशासकीय विद्यालय सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जैतहरी एवं छठवें स्‍थान पर बाल भारती पब्लिक स्कूल जैतहरी रहें। इन्‍हें मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से 2 दिन 1 रात के लिए मध्यप्रदेश की किसी भी पर्यटन स्थल के भ्रमण का अवसर प्राप्त होगा। 

सभी टीम ने मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से पुरस्कार में मेडल एवं भ्रमण के लिए कूपन प्राप्त किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी   टी. आर  आर्माें, सहायक संचालक  ओमकार सिंह धुर्वे, एम पी टी हॉलीडे होम्स अमरकंटक के प्रबंधक  अतुल अस्थाना, पर्यटन प्रबंधक  अजय अग्रवाल, एडीपीसी रमसा एवं नोडल  देवेश सिंह, एकलव्य आवासीय विद्यालय अनूपपुर के प्राचार्य  मुलायम सिंह परिहार उपस्थित थें।


 *विंध्य की वादियों से मध्य प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा नया आयाम : उपमुख्यमंत्री  शुक्ल जी*

*अनूपपुर* 

मध्य प्रदेश के रीवा में आयोजित दो दिवसीय रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव के दूसरे दिन आज पर्यटन, निवेश, संस्कृति और कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित तीन संवाद सत्र आयोजित किए गए। इसमें *“वन पथों से विरासत की कहानियों तक :*

 रीवा का पर्यटन पुनर्जागरण”, “मध्य प्रदेश में समग्र पर्यटन अनुभव का निर्माण” और “मध्य प्रदेश में पर्यटन, फिल्म और आतिथ्य क्षेत्र में निवेश प्रोत्साहन के अवसर” पर सत्र हुए। देशभर से आए पर्यटन विशेषज्ञों, निवेशकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश, विशेष रूप से विंध्य क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं पर विचार साझा किए।

उद्घाटन सत्र में उपमुख्यमंत्री  राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देकर सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से आज मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बन गया है। मध्यप्रदेश सरकार पर्यटन को अर्थव्यवस्था, रोजगार और सांस्कृतिक गौरव का आधार बना रही है। किसी क्षेत्र में यदि औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति आ जाये तो उस क्षेत्र का विकास तीव्र गति से होता है। ऐसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। विंध्य की धरोहर, प्रकृति और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने की अपार संभावनाएं हैं। रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव जैसे आयोजन निवेश, संवाद और भागीदारी के माध्यम से इस दिशा में सार्थक कदम हैं।

पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि वर्तमान में पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं।  हाल ही में हमने मध्य प्रदेश में एयर कनेक्टिवटी को बढ़ाते हुए पीएम श्री वायु सेवा योजना के अंतर्गत प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों को एक–दूसरे से जोड़ा है। हम जल्द ही हेली सेवा भी शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति के अंतर्गत निवेश में अनुमतियों को सरल किया गया है। सरकार निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम के अंतर्गत बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड  शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो सीमाओं के बंधन में नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की सीमा से विंध्य क्षेत्र जुड़ा हुआ है, रोड, रेल और एयर कनेक्टिवटी काफी बेहतर हैं। मां गंगा से मां नर्मदा तक इस पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने का प्रयास है । प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे  में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित में सहयोग प्राप्त होगा। मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। मध्य प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा चुका है। पर्यटन, सिर्फ अर्थव्यवस्था नहीं, सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक समावेश का भी माध्यम है। 

मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीएसटीडीसी) के प्रबंध संचालक डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि एमपीएसटीडीसी लगातार आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने का कार्य कर रहा है। हम पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान के साथ ही पर्यटन स्थलों तक आसान पहुंच, ठहरने की उत्तम व्यवस्था और अविस्मरणीय अनुभव के लिए अलग–अलग पहलुओं पर काम कर रहे हैं। हम ऐसा ईको सिस्टम डेवलप कर रहे हैं, कि पर्यटक घर बैठे हुए टिकट्स और स्टे के लिए बुकिंग कर सकते हैं। पर्यटन स्थलों पर हमने एयर और रोड कनेक्टिवटी के साथ विद्युत व्यवस्था भी की है। 

मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक सुश्री विदिशा मुखर्जी ने कहा कि हम "मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड पर्यटन को केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक समावेश, सांस्कृतिक संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन के साथ देखता है।

हमारा लक्ष्य है – एक ऐसा पर्यटन मॉडल विकसित करना जो समावेशी इंक्लूसिव, रिस्पॉन्सिबल और सतत सस्टेनेबल हो। इसके लिए हम ग्रामीण होमस्टे, महिला गाइड प्रशिक्षण, स्थानीय कला व शिल्प को प्रोत्साहन, और ईको-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि पर्यटन से न केवल पर्यटक जुड़ें, बल्कि स्थानीय समुदायों की पहचान, आय और आत्मनिर्भरता भी सशक्त हो।

विंध्यांचल की सांस्कृतिक गहराई, आध्यात्मिक विरासत और प्राकृतिक संपदा को पर्यटन के माध्यम से एक नई पहचान देने की दिशा में यह रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव एक निर्णायक कदम साबित हुआ है। दो दिवसीय आयोजन में जिन विविध विषयों पर संवाद हुआ, उनसे यह स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश अब समावेशी, जिम्मेदार और सतत पर्यटन मॉडल की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। आयोजन में पर्यटन, निवेश, संस्कृति और कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण पक्षों को एकीकृत दृष्टिकोण से देखा गया, जो राज्य में दीर्घकालिक पर्यटन विकास की आधारशिला रखता है। मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता, धार्मिक स्थलों की श्रृंखला, समृद्ध वन्य जीवन और ऐतिहासिक धरोहरें अब न केवल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रही हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता का साधन भी बन रही हैं। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि पर्यटन अब केवल भ्रमण नहीं, बल्कि सामाजिक जुड़ाव, आर्थिक उन्नयन और सांस्कृतिक संरक्षण का माध्यम है और विंध्य क्षेत्र इसमें अपनी विशेष भूमिका निभाने को तैयार है।

*विभिन्न सत्रों में पर्यटन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने रखे विचार* 

उद्घाटन सत्र में रिस्पांसिबल टूरिज्म सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट  राकेश माथुर ने कहा कि पर्यटन और पर्यटकों के बीच ऐसे सेतु के निर्माण की आवश्यकता है, जो हमारी प्रकृति को नुकसान से बचाएं। उन्होंने कहा कि हमें अपने व्यवहार में बदलाव लाकर प्रकृति और विरासतों का संवर्धन और संरक्षण करना होगा। 

ताज सफारीज़ के डायरेक्टर ऑपरेशन्स  अतुल पांडे ने कहा कि मध्य प्रदेश में जैव विविधता ने हमेशा से ही पर्यटकों को आकर्षित किया है, यही वजह है कि ताज ग्रुप ने वन और वन्य प्रेमियों को लक्जरी अनुभव प्रदान करते हुए ताज सफारीज के प्रोजेक्ट्स की मध्य प्रदेश में शुरूआत की है। उन्होंने कहा मध्य प्रदेश की टूरिज्म फ्रेंडली नीतियों के कारण ही निवेश के अवसर खुले हैं। यहां शासन और प्रशासन निवेशकों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए तत्काल उन परेशानियों को दूर करता है और वे इसके लिए बधाई के पात्र हैं। 

हॉस्पिटैलिटी कंसल्टेंट  ऋषि सूर्या पुरी ने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश की असीम संभावनाएं हैं। सरकार की नीतियां निवेशकों के अनुकूल हैं। मध्य प्रदेश आतिथ्य सत्कार में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि सरकार विंध्य क्षेत्र मेें लगातार अपनी रोड, रेल और एयर कनेक्टिवटी बढ़ा रही है, जो अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। 

रीवा के पूर्व मंत्री एच एच  पुष्पराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के विजन से देश के कोने–कोने में आधारभूत संरचनाओं का विस्तार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में अच्छी सड़़कों का जाल बिछा है, जिससे निश्चित तौर पर पर्यटन के क्षेत्र को गति मिली है। 

मेक माय ट्रिप के हेड कॉर्पोरेट अफेयर्स  समीर बजाज ने कहा मध्य प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र काफी बड़ा़ है। मेक माय ट्रिप पर एक तिहाई सर्च मध्य प्रदेश को किया जाता है। दिल्ली, एनसीआर और महाराष्ट्र से सबसे अधिक टूरिस्ट यहां आते हैं। मध्य प्रदेश में पर्यटन जल्द ही ऊंचाइयों को प्राप्त करेगी। 

इन्फ्लुएंस र  सिद्धार्थ जोशी ने कहा है कि हम चाहते हैं कि पर्यटक केवल कॉन्टेंट देखे नहीं उसका अनुभव भी प्राप्त करें। ग्रामीण परिवेश को लोग देखना पसंद करते हैं और कॉन्टेंट क्रिएटर्स काे इसे ध्यान में रखकर कॉन्टेंट तैयार करना चाहिए। पर्यटक कॉन्टेंट में पूरा ट्रिप प्लान देखना चाहते हैं, हमें उस हिसाब से कॉन्टेंट तैयार करना चाहिए। 

तथास्तु रिजॉर्ट्स के संस्थापक  अनिल अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में हितधारकों की समस्याओं का हल केवल मध्य प्रदेश टूरिज्म विभाग है। मुझे इस पर गर्व है। 

माइनर होटल्स के एरिया कमर्शियल डायरेक्टर  रोहित चोपड़ा ने कहा कि मध्य प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से कई ऐसे क्षेत्र हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मध्य प्रदेश सुरक्षित स्थानों में से है और यदि इसे बरकरार रखा गया तो निश्चित तौर पर यहां का पर्यटन उद्योग उन्नति करेगा।  

 जंगल कैंप्स इंडिया से  गजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश में वाईल्फ लाइफ टूरिज्म जो अवसर हैं, वो देश में कहीं नहीं है। मध्य प्रदेश में बहुत सुंदर हेरिटेज प्रॉपर्टी हैं। बांधवगढ़, पेंच, कान्हा के पर्यटन से जुड़े युवा अब शहरों के हॉस्टपिटैलिटी क्षेत्र के युवाओं को मात दे रहे हैं। मध्य प्रदेश में पर्यटन की मन से सेवा की जाती है। 

स्विस ट्रैफलगार से  दिगेश अमित दिग्विजय सिंह ने कहा कि युवाओं का सुनहरा भविष्य मध्य प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र हैं। वे इसे पेशा और फैशन दोनों बना सकते हैं। मध्य प्रदेश में युवाओं काे केवल पयर्टन की शिक्षा नहीं बल्कि एक व्यवसायिक के रूप में स्वयं को स्थापित करने का प्रयास करना होगा। 

फिक्की मप्र टूरिज्म कमेटी के अध्यक्ष  महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश को वैश्चिक मानचित्र पर लाने के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड प्रयास कर रहा है। अलग–अलग देशों के सोशल मीडिया से जुड़ कर हम मध्य प्रदेश को देश का नंबर एक टूरिज्म डेस्टिनेशन बना सकते हैं। 

प्रसिद्ध अभिनेता  मुकेश तिवारी ने कहा कि हम मध्य प्रदेश के लोग रेड कार्पेट से नहीं, दिल बिछाकर लोगों का स्वागत करते हैं। हमें प्रकृति ने रचा ही इसलिए है कि हम प्रकृति को बचा पाएं। विश्व की सभी महान हस्तियों के जीवन में यात्रा का विशेष महत्व रहा है। पर्यटन का सही मायनों में अर्थ खोजना है।  

अलग–अलग मॉडरेटर की भूमिका फिक्की उत्तर प्रदेश टूरिज्म कमेटी के चेयरमैन  प्रतीक हीरा, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की सोशल मीडिया प्रमुख श्रीमती नीलम राठौर एवं डायरेक्टर आईपी  राजेश गुप्ता ने निभाई। 

*रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र*

रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव, रीवा के दौरान आयोजित प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश की समृद्ध हस्तशिल्प, कला, पर्यटन सेवाओं और पारंपरिक विरासत की विविध झलक देखने को मिली। इस प्रदर्शनी में धोकरा क्राफ्ट बैतूल, बुंदेली पेंटिंग निवाड़ी, डेट लीफ क्राफ्ट अनूपपुर), ब्रॉन्ज क्राफ्ट उचेहरा, सिक्की आर्ट सीधी, टेराकोटा क्राफ्ट  सहित अनेक पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया गया। साथ ही, मृगनयनी एम्पोरियम – रीवा द्वारा मध्यप्रदेश के वस्त्रशिल्प की प्रस्तुति और आईआरसीटीसी, एमटी होटल्स एंड रिसॉर्ट्स, मोगली रिसॉर्ट्स और तेंदुलीफ रिसॉर्ट्स जैसी प्रतिष्ठित पर्यटन इकाइयों ने भी अपने स्टॉल्स के माध्यम से सेवाएं और संभावनाएं प्रदर्शित कीं। यह प्रदर्शनी स्थानीय कारीगरों, पर्यटन उद्यमियों और आगंतुकों के लिए बीच रचनात्मक संवाद और सहयोग का एक प्रभावी मंच सिद्ध हुई।

केशरवानी समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हरियाली तीज


 

प्रेम अग्रवाल

अनूपपुर ।  केसरवानी  समाज की महिला मंडल के द्वारा

 हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी धनश्री पैलेस में दिनांक 26/07/2025, रविवार को  शाम 6:00 बजे से  हरियाली तीज का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास  के साथ मनाया गया, इस अवसर पर महिला मंडल की मुख्य अतिथि के रूप में शहडोल से सत्यभामा केशरवानी एवं शांति केशरवानी कार्यक्रम में शामिल हुईं ।अनूपपुर महिला मंडल की अध्यक्ष  हेमलता उमेश केसरवानी ने बताया कि सर्वप्रथम  समाज के कुल गुरु महर्षि कश्यप जी की पूजा अर्चना विधि विधान से की गई उसके बाद अतिथियों एवं वृद्ध महिलाओं  का पुष्प एवं माल्यार्पण से स्वागत किया गया। कार्यक्रम के शुरुआत में समाज की महिलाओं एवं बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जैसे गीत, गजल ,डांस अंताक्षरी ,जोक्स ,कुर्सी दौड़ , इसके साथ कई तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए साथ ही कार्यक्रम के उपरांत प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया ,  तथा हरियाली तीज का महत्व बताया गया,उपरोक्त कार्यक्रम में बच्चों का उत्साह देखा गया ,उक्त अवसर पर महिला मंडल की अध्यक्ष हेमलता उमेश केसरवानी ,उपाध्यक्ष रेखा महेंद्र केसरवानी, उपाध्यक्ष अर्चना संतोष केसरवानी, प्रिया राजकुमार केसरवानी ,सचिन कविता केशरवानी,  सह सचिव निर्मला अनिल केसरवानी, कोषाध्यक्ष जूही सुनील केसरवानी ,सलाहकार ममता गणेश केसरवानी, राम शैलेंद्र केसरवानी, मधु प्रकाश केसरवानी, रेखा राजेश केसरवानी ,लक्ष्मी केसरवानी, सुजाता केसरवानी ,रीना केसरवानी ,संजना केसरवानी, श्रद्धा केसरवानी, दीपा केसरवानी ,अंजना केसरवानी, आरती केसरवानी, वीणा केसरवानी, प्रीति केसरवानी ,कीर्ति केसरवानी उपस्थित रहीं । कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष के द्वारा मुख्य अतिथि एवं अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया  गया।


  "सार्थक अभिभावकत्व: बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव

अनूपपुर । हर माता-पिता अपने बच्चें को सफल देखना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनका बच्चा आत्मविश्वासी, योग्य और हर क्षेत्र में निपुण हो। लेकिन आज की भागदौड़ और डिजिटल युग में कई बार हम अनजाने में ऐसे कदम उठा लेते हैं जो बच्चों के समग्र विकास में बाधा बन जाते हैं।

 अपेक्षा से पहले अपनापन:

बच्चों से अपेक्षाएं रखना गलत नहीं, लेकिन बिना पर्याप्त समय दिए केवल अपेक्षा करना अनुचित है। यदि हम हर दिन थोड़ी देर भी बच्चों के साथ संवाद करें, उनके विचार सुनें, तो यह उनका आत्मबल बढ़ाता है और उनमें जिम्मेदारी का भाव आता है।

 मोबाइल से दूरी, साथ में पुस्तक की दोस्ती:

मोबाइल बच्चों की सबसे बड़ी व्याकुलता बन चुका है। अभिभावकों को चाहिए कि वे खुद भी मोबाइल का सीमित उपयोग करें और बच्चों के लिए पढ़ने का आकर्षक माहौल बनाएं। एक साथ बैठकर पुस्तक पढ़ने की आदत न केवल ज्ञान बढ़ाती है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव भी गहरा करती है।

 पाठ पढ़ना एक पारिवारिक परंपरा बनाएं:

हर दिन बच्चें को उसके पाठ का एक भाग माता-पिता के सामने पढ़वाना  यह बहुत ही सरल लेकिन प्रभावी अभ्यास है। इससे न केवल भाषा कौशल सुधरता है, बल्कि वह अपनी पढ़ाई को लेकर अधिक गंभीर भी होता है।

 पहाड़े याद करवाएं, सीखने की प्रक्रिया में साथ दें:

गणित की ताकत तालिकाओं में होती है। उन्हें खेल-खेल में सिखाएं , गाड़ी में बैठते समय, खाना खाते समय या टहलते हुए। यही छोटे-छोटे प्रयास बड़े परिणाम देते हैं।

 आत्म-अध्ययन की आदत डालें:

बच्चों को हर समय निर्देशित करने के बजाय उन्हें योजनाबद्ध पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करें। सप्ताह में एक बार उनकी अध्ययन योजना की समीक्षा करें। यह आदत उन्हें आगे चलकर आत्मनिर्भर बनाएगी।

 विद्यालय और अभिभावक  सहयोगी नहीं, साथी बनें:

यह आवश्यक है कि माता-पिता विद्यालय और शिक्षकों की भूमिका को समझें और उसका सम्मान करें। बच्चों के सर्वांगीण विकास में विद्यालय और घर दोनों की भूमिकाएं पूरक और सहायक होती हैं। एक-दूसरे पर दोषारोपण करने की बजाय यदि दोनों पक्ष मिलकर काम करें, तो बच्चें के जीवन में चमत्कारी परिवर्तन संभव है।

विद्यालय सिर्फ अंक देने वाला संस्थान नहीं है, बल्कि वहां पर मूल्य, अनुशासन, सहानुभूति और आत्मविश्वास का निर्माण होता है। इसी प्रकार अभिभावकों का कर्तव्य है कि वे स्कूल की बातों को गंभीरता से लें, और शिक्षक की भूमिका को केवल 'ट्यूटर' तक सीमित न रखें, बल्कि 'मार्गदर्शक' के रूप में अपनाएं।

 शिक्षक  केवल अध्यापक नहीं, श्रेष्ठ मार्गदर्शक बनें:

हर शिक्षक को यह समझना ज़रूरी है कि हर बच्चा अलग है , उसकी क्षमता, रुचि और सोचने का तरीका भी अलग है। एक अच्छा शिक्षक वही है जो अपने विद्यार्थी को पूरी तरह समझे, उसकी ज़रूरतों के अनुसार उसे सिखाएं और सही मार्गदर्शन दें।

शिक्षक को केवल विषय विशेषज्ञ नहीं, बल्कि एक ‘काउंसलर’ की भूमिका भी निभानी चाहिए ,जो न केवल शैक्षणिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी बच्चें को संभाल सकें।

निष्कर्ष:

सफलता केवल परीक्षा में अंक लाने से नहीं आती, बल्कि जीवन जीने की कला में निपुण बनने से आती है। यदि अभिभावक, शिक्षक और विद्यालय मिलकर एक ही दिशा में काम करें , तो हर बच्चा न केवल सफल, बल्कि संतुलित, सशक्त और संस्कारी नागरिक बन सकता है।

आइए, साथ मिलकर बच्चों के भविष्य को आकार दें , क्योंकि सफलता अकेले नहीं, साथ चलने से मिलती है।


*बढ़े  हुए न्यूनतम वेतन का दस करोड़ रु. एरियर नहीं देने वाले मानव बल ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करें : भार्गव*


     अनूपपुर। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहडोल रीजन के अधिकांश वितरण केन्द्रों, अनूपपुर सर्किल के कोतमा एवं बिजुरी डिवीजन सहित अमरकंटक ताप विद्युत गृह के ग्यारह ठेकेदारों ने बॉयलर संचा - संधा व कोल हैंडलिंग प्लांट सहित सभी जनरेशन कार्यालयों एवं बिरसिंहपुर जनरेशन में कार्यरत करीब 5 हज़ार बिजली आउटसोर्स ठेका कर्मियों को न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण पश्चात बड़े हुए न्यूनतम वेतन की करीब दस करोड़ रुपए की बकाया राशि हाइकोर्ट बेंच इंदौर के आदेश एवं श्रम आयुक्त इंदौर के निर्देश के बाद पांच माह बीतने पर भी नहीं मिली है। कुछ जगह एकमुश्त की जगह आधा अधूरा ही एरियर बंटा है। 

    इस बात से आक्रोशित बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने कमिश्नर, कलेक्टर एवं सहायक श्रम आयुक्त को पत्र लिखकर सभी मानव बल ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर उन पर पेनाल्टी लगाने की मांग की है।

     बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया है कि इस मामले में बिजली कंपनी के इंजीनियर अपने चहेते ठेकेदारों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई कर पेनाल्टी नहीं लगा रहे हैं और ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट नहीं कर केवल खानापूर्ति वाले पत्र लिख कर अपने हाथ बचा रहे हैं, जबकि ठेकेदार बजट नहीं होने का बहाना पांच माह से बना रहा है।  भार्गव का कहना है कि यदि ठेकेदार के पास एडवांस में न्यूनतम वेतन व इस रिवाइज हुए मिनिमम वेजेस एरियर देने की धनराशि नहीं थी तो उसने टेंडर की शर्तों को स्वीकार कर यह मानव बल ठेका हासिल ही क्यों किया? पर यदि यह ठेका लिया है तो ठेका टेंडर की लिखित शर्तों का पालन कर ठेकेदारों को पहले एडवांस में अपनी ओर से बकाया एरियर राशि आउटसोर्स कर्मियों को एकमुश्त भुगतान करना चाहिए, फिर इसका क्लेम कर बिल व दस्तावेज देकर बिजली कंपनी से यह राशि प्राप्त करना चाहिए पर ऐसा नहीं कर ठेकेदार हाइकोर्ट के आदेशों की अवमानना व श्रम आयुक्त के निर्देशों की अवहेलना कर ठेका टेंडर शर्तों का सरासर उल्लंघन कर रहे हैं पर दोषी ठेकेदारों के खिलाफ बिजली अधिकारी पेनाल्टी लगा कर उन्हें ब्लैकलिस्ट करने से कतरा रहे हैं।

   भार्गव जी का कहना है कि प्रिंसिपल नियोक्ता बिजली कंपनी है, यदि ठेकेदार बकाया एरियर ग्यारह माह के बोनस अंतर सहित भुगतान नहीं करता है तो बिजली कंपनी को स्वयं अपनी ओर से इस एरियर राशि का भुगतान करना चाहिए। टेंडर की शर्त के अनुसार पहले ठेकेदारों को एरियर राशि स्वयं अपनी ओर से भुगतान करना पड़ती है, फिर इस भुगतान राशि का बिल ठेकेदार बिजली कंपनी को देता है तब जाकर यह प्रक्रिया पूरी होती है। चूंकि इस मामले में एक से दो माह का समय लगता है इसलिए ठेकेदार अपना पैसा एडवांस में नहीं फंसाना चाहता है।

   *किसको कितना मिलना है एरियर्स ? 

- बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के मुताबिक प्रत्येक बिजली आउटसोर्स श्रमिक को ग्यारह माह की अवधि का बोनस अंतर सहित कुल एरियर अकुशल श्रमिक को 17085, अर्द्ध कुशल को 18546, कुशल को 22174 एवं उच्च कुशल को 26116 रु. भुगतान किया जाना है जो नहीं किया जा रहा है, यह हाइकोर्ट के आदेशों व श्रम आयुक्त के निर्देशों की अवहेलना है, यह ठेका अनुबंध की शर्तों व बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है एवं मानव अधिकारों का स्पष्टत: हनन है।

  किन ठेकेदारों ने भुगतान नहीं किया - वितरण कंपनी अनूपपुर सर्किल में मानव बल ठेकेदार क्रिस्टल कंपनी एवं डीजी नक़रान ने ग्यारह माह का एरियर नहीं दिया है।

इसी प्रकार अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में कोल प्लांट के विनायक इलेक्ट्रिकल्स एंड इंजीनियर्स, शुक्ला एसोसिएट, एम के ट्रेडर्स, आसवनी टेक्नोक्रेट्स, एस के ट्रेडर्स, महालक्ष्मी इंजीनियरिंग, ओरिएंटल फैसिलिटी , धीरेन्द्र सिंह कांट्रेक्टर,हैम्स कारपोरेशन ने अब तक जनरेशन चचाई के आउटसोर्स ठेका कर्मियों को ग्यारह माह की बकाया एरियर राशि अब तक भुगतान नहीं की है। यही हाल बिजली सेक्टर में ठेका लेने वाली आल सर्विस ग्लोबल प्रा. लि. , जी. ए. डिजिटल वेब वर्ल्ड, मे. ईगल हंटर , टीडीएस मैनेजमेंट, मे. प्राइम वन वर्क फोर्स, क्रिस्टल इन्टीग्रेटेड सर्विस का भी है।

(मनोज भार्गव)

प्रांतीय संयोजक 

म. प्र. बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन 

फोन 9827374448

 राज्य सरकार की पंचायतों के प्रति उपेक्षा असहनीय -- अशोक सेंगर


 

भोपाल/ मैहर / मध्यप्रदेश के धर्म नगरी मैहर में 23 जुलाई को मध्य प्रदेश राज्य पंचायत परिषद द्वारा जिला मैहर में सरपंच महा सम्मेलन का बृहद आयोजन कर हजारों त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिधियों के साथ प्रदेश अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष संयुक्त रूप से 24 सूत्री ज्ञापन राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के दौरान परिषद को राष्ट्रीय नेतृत्व में राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जादौन,  शीतला शंकर विजय मिश्र मुख्य महामंत्री  राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह यादव, महेंद्र बुंदेला सचिव उपस्थित रहें।

ज्ञात हो कि विगत वर्ष 23 जुलाई 2024 को प्रदेश के 15 हजार से अधिक सरपंच गण अम्बेडकर पार्क भोपाल में एकतृत हुए थें। जिसमें मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  प्रहलाद सिंह पटेल, एवं पंचायत -ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह को ग्राम पंचायतों के सरपंचों की ओर से 28 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया था। उपस्थित मंत्री गणों ने प्रदेश के सरपंचों को विश्वस्त किया था कि उनकी मांगे मानी जाएगी, लेकिन एक वर्ष पूर्ण हो गया है। और 28 सूत्री मांग पर शत प्रतिशत अमल सरकार के द्वारा नहीं किया गया है। 

जिसको याद दिलाने हेतु 23 जुलाई 2025 को प्रदेश के हजारों सरपंच गण, जिला मैहर के पटेल मैरिज गार्डन, जनपद पंचायत के पास आयोजित सरपंच महासम्मेलन में उपस्थित हुए।

 सरकार के वायदानुसार पूर्व 28 सूत्री ज्ञापन को अमल में लाने कि मांग कि  गई और पंचायती राज को पूर्ण रूप से प्रदेश में लागू किये जाने के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें निष्कर्ष निकल कर आया कि भारतीय संविधान से 29 प्राप्त अधिकार को त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिधियों को एक जुट होकर मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद संबद्ध अखिल भारतीय पंचायत परिषद दिल्ली के नेतृत्व में मध्यप्रदेश कि राजधानी भोपाल में इतिहास आंदोलन किया जाय। जिसकी तैयारी हेतु मध्यप्रदेश के समस्त जिलों का प्रदेश पदाधिकारी गणों द्वारा प्रवास किया जाना चाहिए। महा सम्मेलन में यह बात गुंजी कि मध्यप्रदेश में पंचायती राज संस्थाएं संवैधानिक अधिकार पाकर भी राज्य सरकार की उपेक्षा के कारण सफलता हासिल नहीं कर पा रही हैं। महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज का सपना साढ़े सात लाख गांवों के भारत के भविष्य को उज्ज्वल करना था। लेकिन यह काम लोक सभा और विधान सभा के सदस्यों एवं स्वार्थी राजनीतिज्ञों के कारण बाधित हो रहा है। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों पदाधिकारियों एवं ग्राम वासियों के कंधों पर 78 वर्ष के बाद लोकतंत्र की रक्षा का भार और पंचायती राज जो जर्जर और विखंडित अवस्था में है ।

मुख्य अतिथि  अशोक जादौन  राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय पंचायत परिषद दिल्ली, विशिष्ट अतिथि मुख्य महामंत्री  शीतला शंकर विजय मिश्र, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  महेंद्र कुमार यादव, विशिष्ट अतिथि  गौरव पटेल अध्यक्ष जिला पंचायत दमोह,  महेंद्र सिंह बुंदेला राष्ट्रीय सचिव,  अशोक सिंह सेंगर प्रदेश अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद,  अजय गोटिया प्रदेश अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्य संघ, जालम सिंह पटेल अध्यक्ष मध्य प्रदेश जनपद अध्यक्ष संघ,  विनोद त्रिपाठी प्रदेश उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद, श्रीमती प्रीति सिंह राठौर अध्यक्ष महिला मोर्चा मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद, सुरेंद सिंह सोलंकी प्रदेश महासचिव मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद,बद्रीदास बैरागी, प्रदेश महासचिव, शरद पाराशर प्रदेश महासचिव, पुष्पेंद्र देशमुख प्रदेश महासचिव, नरेंद्र सिंह चौहान प्रदेश प्रवक्ता,  जितेंद्र राहंगडाले प्रदेश महासचिव,  धीरेन्द्र सिंह प्रदेश सचिव,  हेमराज चौहान प्रदेश संगठन मंत्री,जिला अध्यक्ष मैहर  विजय पटेल और जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जनपद सदस्य सरपंच, पांच, के अलावा संगठन के जिला अध्यक्ष,ब्लाक अध्यक्ष के उपस्थित रहें।

 अपर नर्मदा सिंचाई परियोजना  को निरस्त करने हेतु राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात


 

भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

 किसानों एवं क्षेत्र हित में अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त करने की हुई मांग 

अनूपपुर । पिछले कुछ वर्षों से प्रशासन की गलत रिपोर्टिंग और रणनीति के कारण अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर अनूपपुर डिंडोरी का निर्माण कार्य इसलिए प्रारंभ नहीं हो पा रहा है क्योंकि इस परियोजना को लेकर क्षेत्र के किसान और रहवासी निरंतर इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडरा  रहे हैं इस परियोजना के प्रारंभ होने से क्षेत्र का विकास तो नहीं लेकिन विनाश होना सुनिश्चित है जिसकी चिंता की लकीरें हर किसी के माथे पर देखी जा सकती हैं। अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त करने की मांग को लेकर भाजपा अनूपपुर जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में अपर नर्मदा परियोजना  को निरस्त करने हेतु राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात जिसमें भाजपा जिला अध्यक्ष  हीरा सिंह श्याम. राजेश सिंह सराठीया विजय सिंह पट्टा भागीरथ सिंह स्वामी सोनवानी तथा अन्य लोगों  ने मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त करने की मांग की जिससे कि जल जंगल जमीन एवं आदिवासियों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके और पलायन की स्थिति निर्मित ना हो.

 50 ग्राम पंचायत होगी प्रभावित 

पिछले 25 -30 वर्ष पहले अपर नर्मदा परियोजना शोभापुर अनूपपुर डिंडोरी को प्रस्तावित किया गया जिसके बाद से इस परियोजना का निरंतर विरोध हो रहा है और क्षेत्र के लोग भय के वातावरण में जीवन जीने को मजबूर हैं जब चुनाव आता है इस परियोजना को प्रारंभ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है जिससे क्षेत्र वासियों को संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है इस परियोजना के कारण लगभग 50 ग्राम पंचायत प्रभावित हो रही हैं परियोजना का दुष्परिणाम जल जंगल जमीन और आदिवासियों के पलायन के रूप में देखा जा रहा है जो इस क्षेत्र के लिए हितकर नहीं है।

गलत सर्वे और रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई परियोजना की रूपरेखा

 भाजपा जिला अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम राज्यपाल से कहा कि गलत सर्वे और रिपोर्ट तथा दबाव में ग्राम पंचायत के प्रस्ताव फर्जी तरीके से तैयार कर कर प्रस्तुत की गई और परियोजना को प्रस्तावित करने का कार्य किया गया जबकि हमारे क्षेत्र में इस परियोजना की कोई आवश्यकता ही नहीं है

क्षेत्र में हो रहा दो फसल का उत्पादन 

पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में खरीफ एवं धान की दो फसल का उत्पादन 80 से 90 हजार टन प्रतिवर्ष किया जा रहा है जिसकी खरीदी भी शासन के द्वारा की जाती है फिर भी  क्षेत्र को असिंचित घोषित करने का कार्य फर्जी तरीके से प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा किया जाता है ऐसी परियोजना के कारण कृषि आधारित हमारे जनजातीय समाज के परिवारों को विस्थापन की स्थिति से गुजरना पड़ता है ऐसे पहले भी हो चुका है

संरक्षित क्षेत्र को किया जाए सुरक्षित

महामहिम राज्यपाल को दिए गए पत्र के माध्यम से बताया गया कि अनूपपुर जिला पुष्पराजगढ़ भारतीय संविधान के  प्रदत्त भाग 10 में पांचवी अनुसूची में आता है जो अनुसूचित क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसका संरक्षण महामहिम के अधीन है इसके साथ ही पेसा कानून 2022 यहां पर लागू है जिसमें बिना ग्राम सभा के अनुमति के कोई भी ऐसी परियोजना को लागू करने की अनुमति नहीं है जब तक की ग्राम सभा की सहमति प्रदान न हो।

परियोजना को निरस्त कर दिया जाए संरक्षण

प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम राज्यपाल मध्य प्रदेश से मुलाकात कर अपर नर्मदा परियोजना को निरस्त कर आदिवासी आंचल को संरक्षण प्रदान करने की मांग की गई है जिससे कि यहां पर विस्थापन तथा अन्य समस्याओं का सामना क्षेत्र के लोगों को ना करना पड़े और उनका जीवन यापन सुचारू रूप से चलता रहें।

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