राज्य सरकार की पंचायतों के प्रति उपेक्षा असहनीय -- अशोक सेंगरnarmadanewstimes. in

 राज्य सरकार की पंचायतों के प्रति उपेक्षा असहनीय -- अशोक सेंगर


 

भोपाल/ मैहर / मध्यप्रदेश के धर्म नगरी मैहर में 23 जुलाई को मध्य प्रदेश राज्य पंचायत परिषद द्वारा जिला मैहर में सरपंच महा सम्मेलन का बृहद आयोजन कर हजारों त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिधियों के साथ प्रदेश अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष संयुक्त रूप से 24 सूत्री ज्ञापन राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के दौरान परिषद को राष्ट्रीय नेतृत्व में राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जादौन,  शीतला शंकर विजय मिश्र मुख्य महामंत्री  राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह यादव, महेंद्र बुंदेला सचिव उपस्थित रहें।

ज्ञात हो कि विगत वर्ष 23 जुलाई 2024 को प्रदेश के 15 हजार से अधिक सरपंच गण अम्बेडकर पार्क भोपाल में एकतृत हुए थें। जिसमें मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  प्रहलाद सिंह पटेल, एवं पंचायत -ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह को ग्राम पंचायतों के सरपंचों की ओर से 28 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया था। उपस्थित मंत्री गणों ने प्रदेश के सरपंचों को विश्वस्त किया था कि उनकी मांगे मानी जाएगी, लेकिन एक वर्ष पूर्ण हो गया है। और 28 सूत्री मांग पर शत प्रतिशत अमल सरकार के द्वारा नहीं किया गया है। 

जिसको याद दिलाने हेतु 23 जुलाई 2025 को प्रदेश के हजारों सरपंच गण, जिला मैहर के पटेल मैरिज गार्डन, जनपद पंचायत के पास आयोजित सरपंच महासम्मेलन में उपस्थित हुए।

 सरकार के वायदानुसार पूर्व 28 सूत्री ज्ञापन को अमल में लाने कि मांग कि  गई और पंचायती राज को पूर्ण रूप से प्रदेश में लागू किये जाने के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें निष्कर्ष निकल कर आया कि भारतीय संविधान से 29 प्राप्त अधिकार को त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिधियों को एक जुट होकर मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद संबद्ध अखिल भारतीय पंचायत परिषद दिल्ली के नेतृत्व में मध्यप्रदेश कि राजधानी भोपाल में इतिहास आंदोलन किया जाय। जिसकी तैयारी हेतु मध्यप्रदेश के समस्त जिलों का प्रदेश पदाधिकारी गणों द्वारा प्रवास किया जाना चाहिए। महा सम्मेलन में यह बात गुंजी कि मध्यप्रदेश में पंचायती राज संस्थाएं संवैधानिक अधिकार पाकर भी राज्य सरकार की उपेक्षा के कारण सफलता हासिल नहीं कर पा रही हैं। महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज का सपना साढ़े सात लाख गांवों के भारत के भविष्य को उज्ज्वल करना था। लेकिन यह काम लोक सभा और विधान सभा के सदस्यों एवं स्वार्थी राजनीतिज्ञों के कारण बाधित हो रहा है। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों पदाधिकारियों एवं ग्राम वासियों के कंधों पर 78 वर्ष के बाद लोकतंत्र की रक्षा का भार और पंचायती राज जो जर्जर और विखंडित अवस्था में है ।

मुख्य अतिथि  अशोक जादौन  राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय पंचायत परिषद दिल्ली, विशिष्ट अतिथि मुख्य महामंत्री  शीतला शंकर विजय मिश्र, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  महेंद्र कुमार यादव, विशिष्ट अतिथि  गौरव पटेल अध्यक्ष जिला पंचायत दमोह,  महेंद्र सिंह बुंदेला राष्ट्रीय सचिव,  अशोक सिंह सेंगर प्रदेश अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद,  अजय गोटिया प्रदेश अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्य संघ, जालम सिंह पटेल अध्यक्ष मध्य प्रदेश जनपद अध्यक्ष संघ,  विनोद त्रिपाठी प्रदेश उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद, श्रीमती प्रीति सिंह राठौर अध्यक्ष महिला मोर्चा मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद, सुरेंद सिंह सोलंकी प्रदेश महासचिव मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद,बद्रीदास बैरागी, प्रदेश महासचिव, शरद पाराशर प्रदेश महासचिव, पुष्पेंद्र देशमुख प्रदेश महासचिव, नरेंद्र सिंह चौहान प्रदेश प्रवक्ता,  जितेंद्र राहंगडाले प्रदेश महासचिव,  धीरेन्द्र सिंह प्रदेश सचिव,  हेमराज चौहान प्रदेश संगठन मंत्री,जिला अध्यक्ष मैहर  विजय पटेल और जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जनपद सदस्य सरपंच, पांच, के अलावा संगठन के जिला अध्यक्ष,ब्लाक अध्यक्ष के उपस्थित रहें।

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