डॉक्टर की लापरवाही से महिला की हुई मौत, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा, डॉक्टर को जारी हुई नोटिस सिविल सर्जन के तोता रटन देखता हूं दिखवाता हूं के तर्ज पर आएं दिन मौत का तांडव narmadanewstimes.in

 डॉक्टर की लापरवाही से महिला की हुई मौत, परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा, डॉक्टर को जारी हुई नोटिस 


सिविल सर्जन के तोता रटन देखता हूं दिखवाता हूं के तर्ज पर आएं दिन मौत का तांडव 






अनूपपुर/जिला मुख्यालय अनूपपुर वार्ड नं. 12 अमरकंटक रोड़ निवासी जितेंद्र पाण्डेय की पत्नी ममता पाण्डेय उम्र 45 वर्ष की अचानक तबियत खराब होने पर दोपहर 3 बजे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां मरीज को सहीं वक्त पर इलाज न मिलने के कारण रात 7 बजे मौत हो गई। मरीज 3 बजे से भर्ती थी मगर डॉक्टर शाम 7 बजे तक एक भी बार मरीज को देखने नहीं आए, जबकि शाम 4 बजे से मरीज की तबियत ज्यादा खराब हो गयी थी, जब ड्यूटी डॉक्टर को मरीज को देखने के लिए परिजनों ने मिन्नत की तो ड्यूटी डॉक्टर गणेश प्रजापति के द्वारा यह कह कर परिजनों को भगा दिया कि मेरी ड्यूटी नीचे है ऊपर जाकर मरीज को नहीं देखूंगा। मैनेजमेंट से जाकर बात करो जहां शिकायत करना हो कर दो मेरा कुछ नहीं होने वाला है। डॉक्टर की लापरवाही सहीं समय पर पर्याप्त इलाज न मिलने के कारण महिला की मौत हो गई। यह सब वाक्या मोबाइल के कैमरे में कैद हो गया, लगभग 04 घंटे महिला दर्द से  बिना बेड के जमीन पर तड़पती रही , मगर डॉक्टर को बिल्कुल भी रहम नहीं आया। मौत के बाद जब परिजनों ने हंगामा करने शुरू किया तो सिविल सर्जन आर एस परस्ते तोता रटन लहजे में हमेशा कि तरह देखता हूं दिखवाता हूं तब परिजन ने फ़ोन कर सीएमएचओ  को अस्पताल में बुलवाया  और सीएमएच ओ पर दबाव बनाया तब लापरवाही करने वाले डॉक्टर के खिलाफ पांच सदस्यीय टीम बनाकर जांच के बाद कार्यवाही की बात कहीं। मृतिका के परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ अस्पताल चौंकी में लिखित शिकायत भी की हैं। विवाद बढ़ता देख कोतवाली से पुलिस बल बुला लिया गया, मगर स्थित  नियंत्रण में रही। जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से प्रतिदिन मौत हो रही हैं। जब से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर जिले की कमान संभाले है, तब से जिला अस्पताल व सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मौत का अड्डा बन गया हैं। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले डॉक्टर के कैबिन से दारु की बांटेले पाई गई थी जिसकी जांच अभी तक जारी है।वहीं जब हमारी टीम ने रात में जिला अस्पताल का मुआयना किया तो ड्यूटी डॉक्टर व नर्स सोते हुए मिले ।अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन डॉक्टर व नर्स को ढूंढते रहे। रात में आने वाले मरीज दर्द से कराहते रहते हैं और स्वास्थ्य अमला कुम्भकरणी नींद में सोते हैं। मृत महिला के परिजनों ने सुबह से ही अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया उनकी मांग थी कि ड्यूटी डॉक्टर के ऊपर जब तक कार्यवाही नहीं होगी। दाह संस्कार के लिए शव लेने से मना कर दिया। मामला बिगड़ता देख मौक़े पर एसडीएम, एसडीओपी, सीएमएचओ व टी आई मौके पर पहुंच कर परिजनों को समझाने का प्रयास किया मगर परिजन नहीं मानें, अंत: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने डॉक्टर के खिलाफ नोटिस जारी किया तब जाकर परिजनों ने महिला के शव को घर ले जाकर दाह संस्कार किया।

यह परिवार सक्षम था इस कारण यह सब सम्भव हो सका लेकिन उन असहाय गरीब परिवार के उपर क्या बीतता होगा जो ऐसे जिला स्वास्थ विभाग के अत्याचार के सिकार आयें दिन होते रहते हैं । ऐसे परिवार के आसूं पोंछने न तो शासन-प्रशासन आगे आता और न ही जिला स्वास्थ अधिकारी ।

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