*इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के हिंदी विभाग तथा राजभाषा अनुभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 10 जनवरी, 2025 को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजनnarmadanewstimes. in

 *इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के हिंदी विभाग तथा राजभाषा अनुभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 10 जनवरी, 2025 को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन


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अमरकंटक । इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के हिंदी विभाग तथा राजभाषा अनुभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 10 जनवरी, 2025 को विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर ‘हिंदी में आई.टी. टूल्स (हिंदी में उपलब्ध आधुनिक तकनीकी सुविधाऐं)’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें सभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मिलित हुए।

संगोष्ठी की अध्यक्षता  विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति *प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी* द्वारा की गयी। मुख्य वक्ता के रूप में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग हिंदी शिक्षण योजना, मुंबई के उप निदेशक राजेंद्र प्रसाद वर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रोताओं को संबोधित किया।

हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. जितेन्द्र कुमार सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कार्यकारी कुलपति प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी को आमंत्रित किया। साथ ही मुख्य वक्ता तथा उपस्थित समस्त विभागाध्यक्षों, आचार्यों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों, शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों का स्वागत किया।इसके तत्पश्चात मानविकी एवं भाषाशास्त्र संकाय की अधिष्ठाता प्रो. रेनू सिंह द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय पर हिंदी भाषा की तकनीक एवं मनोरंजन के क्षेत्र में वर्तमान स्थिति एवं आगामी भविष्य पर विचार प्रस्तुत किए गए।

उप निदेशक राजेन्द्र प्रसाद वर्मा ने अपने आभासी वक्तव्य में कार्यकारी कुलपति और कार्यक्रम में शामिल हुए सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रायोगिक प्रस्तुति प्रदान की जिसमें उन्होंने एमएस-वर्ड, ई-मेल, बहुभाषी टंकण, वॉयस टाइपिंग, सटीक मशीनी अनुवाद जैसे अनेक कार्यालयीन दायित्वों को अत्यंत सुलभ करने संबंधी संक्षिप्त उपायों से अवगत कराया।  उन्होंने ऑनलाइन संगोष्ठी में उपस्थित विभागाध्यक्षों, अधिकारियों एवं शोधार्थियों के प्रश्नों का भी उत्तर दिया तथा अखिल भारतीय स्तर पर उपलब्ध कंप्यूटरों के विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम्स में सुलभता से भाषा संबंधी कार्य संपन्न कर सकने का मार्ग प्रशस्त किया। 

विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में उप निदेशक राजेन्द्र प्रसाद वर्मा के प्रायोगिक वक्तव्य की प्रशंसा करते हुए इसे सभी के लिए अत्यंत लाभकारी बताया तथा उन्हें तकनीकी हिंदी से संबंधित कार्यशाला आयोजित करने हेतु भविष्य में विश्वविद्यालय आने का आमंत्रण भी दिया। प्रो. त्रिपाठी ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह के तकनीकी ज्ञान से सभी हिंदी में कार्य कर पाने में समर्थ हो सकेंगे जिससे देश एकरूपता से जुड़ सकने में सक्षम हो सकेगा। प्रो. त्रिपाठी ने कार्य, शिक्षण, शोध तथा प्रचार को सुलभ एवं निरंतरता से करने हेतु तकनीक के उपयोग का अनिवार्यतः अनुपालन करने पर बल दिया।     

संगोष्ठी के अंतिम सत्र में आभार प्रदर्शन राजभाषा अनुभाग की हिंदी अधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव द्वारा प्रदान किया गया। संगोष्ठी संचालन का निर्वहन हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. वीरेन्द्र प्रताप द्वारा किया गया। इस ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षण वर्ग से प्रो. कृष्णा सिंह, प्रो. तन्मय कुमार घोराई, प्रो. नीरज कुमार राठौड़, प्रो. गौरीशंकर महापात्रा, डॉ. मनोहर बी. येरकलवर, डॉ. ऋषि पालीवाल, डॉ. विनोद सेन, डॉ. सौरभ कुमार, डॉ. विनय तिवारी सहित प्रशासनिक वर्ग से डॉ. नुपुर श्रीवास्तव, गिरिजेश कुमार, विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी  रजनीश त्रिपाठी, संबेग वैद्य सहित विभिन्न शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें।

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