भारत ज्योति विद्यालय, अनूपपुर में भव्य कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का हुआ आयोजनnarmadanewstimes. in








 भारत ज्योति विद्यालय, अनूपपुर में भव्य कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का हुआ आयोजन 

अनूपपुर। भारत ज्योति विद्यालय, अनूपपुर में दिनांक 17 अक्टूबर 2025 को एक अत्यंत भव्य और ज्ञानवर्धक कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में रचनात्मकता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, विश्लेषण क्षमता तथा विभिन्न विषयों की व्यवहारिक उपयोगिता को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, कला, कंप्यूटर, वाणिज्य, हिंदी, संस्कृत और अंग्रेज़ी जैसे विषयों पर आधारित सैकड़ों आकर्षक और कार्यात्मक मॉडल प्रस्तुत किए, जिन्हें देखकर उपस्थित अतिथि एवं अभिभावक अत्यंत प्रभावित हुए।

प्रदर्शनी में छात्रों ने न केवल अपने मॉडल प्रस्तुत किए, बल्कि उनकी संकल्पना, उपयोगिता और निर्माण प्रक्रिया को भी विस्तार से समझाया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बच्चों ने विषयवस्तु को गहराई से समझते हुए उसे सृजनात्मकता के साथ जोड़ा है। विज्ञान विषय में “विज्ञान हर जगह है” की अवधारणा को जीवंत करते हुए बच्चों ने जीवन से जुड़ी समस्याओं पर आधारित वर्किंग मॉडल्स जैसे - सोलर एनर्जी, वाटर प्यूरीफिकेशन, क्लाइमेट चेंज, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम आदि का प्रदर्शन किया। गणित के क्षेत्र में सूत्रों की प्रस्तुति रोचक खेलों और ग्राफिकल मॉडल्स के माध्यम से की गई, जिससे यह विषय सरल और रुचिकर प्रतीत हुआ।

सामाजिक विज्ञान में भारतीय संविधान, न्याय व्यवस्था, ऐतिहासिक घटनाएं, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक मुद्दों पर विद्यार्थियों ने प्रभावशाली चार्ट, डायग्राम और मॉडल प्रस्तुत किए। वहीं हिंदी और संस्कृत विषय में व्याकरण, भाषा विकास, श्लोकों की व्याख्या, कहावतों एवं मुहावरों पर आधारित गतिविधियाँ प्रस्तुत की गईं। अंग्रेज़ी विषय में स्टोरी टेलिंग, लाइव लाइब्रेरी, शब्दावली का विकास और संवाद प्रस्तुति को नवाचार के रूप में प्रस्तुत किया गया। वाणिज्य क्षेत्र में जीएसटी, शेयर मार्केट, बैंकिंग प्रणाली एवं टैक्सेशन जैसे विषयों को बच्चों ने अत्यंत व्यावहारिक और समझदारी से प्रस्तुत किया। कंप्यूटर विषय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर के डेमो सहित डिजिटल इंडिया की झलक प्रस्तुत की गई। कला एवं क्राफ्ट की प्रस्तुति में 'बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट' गतिविधियों के अंतर्गत बच्चों ने कबाड़ से खूबसूरत सजावटी और उपयोगी वस्तुएँ बनाकर रचनात्मकता का परिचय दिया।

इस भव्य प्रदर्शनी का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर जी. एलेक्जेंडर एवं उप-प्रधानाचार्या सिस्टर जिस मारिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाते हुए मुख्य अतिथियों का स्वागत विद्यालय के बैंड मार्च द्वारा किया गया, जिसके पश्चात पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह और विद्यार्थियों द्वारा दिए गए परिचय के साथ उनका अभिनंदन हुआ।

इस अवसर के मुख्य अतिथि रहे – डॉ. विनोद कुमार वर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्यायाधीश, जिला न्यायालय अनूपपुर। उन्होंने विद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि "विद्यार्थियों का यह प्रयास इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं, बल्कि वह जीवन को दिशा देने वाली शक्ति है।"

प्रदर्शनी के मूल्यांकन हेतु विभिन्न क्षेत्रों से विशिष्ट अतिथि एवं विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने न केवल बच्चों के कार्यों का निरीक्षण किया बल्कि उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया। गणित विषय का अवलोकन डॉ. देवेंद्र कुमार तिवारी द्वारा किया गया, जो पंडित राम गोपाल तिवारी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के डायरेक्टर और भारत विकास परिषद, विंध्य प्रांत के अध्यक्ष और रेड क्रॉस सोसाइटी अनूपपुर के सचिव हैं। उन्होंने गणितीय मॉडल्स की सराहना करते हुए बच्चों को आगे की दिशा में प्रेरित किया।

डॉ. पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा, जो कि जिला सत्र न्यायालय में गवर्नमेंट प्रॉसिक्यूटर हैं, सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र के निर्णायक रहे। उन्होंने छात्रों से बातचीत की, उनके ज्ञान की गहराई को सराहा, और सामाजिक न्याय, कानून एवं प्रशासन जैसे विषयों पर जानकारी दी। वाणिज्य विषय के विशेषज्ञ  भौमिक के. राठौर, एक प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, जिन्होंने जीएसटी, शेयर बाजार और कर प्रणाली पर विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।

डॉ. रमा नायडू, इंग्लिश लिटरेचर में पीएचडी एवं वरिष्ठ शिक्षाविद्, अंग्रेज़ी विषय की जज थीं। उन्होंने भाषा की व्यावहारिक उपयोगिता को रेखांकित किया और विद्यार्थियों की प्रस्तुति को अत्यंत प्रभावशाली बताया।  संजय विश्वास, कला एवं क्राफ्ट के विशेषज्ञ एवं ट्राइबल श्रृष्टि आर्ट संस्था के निदेशक हैं। उन्होंने 'वेस्ट मटेरियल से बेस्ट मॉडल' बनाने की गतिविधियों की सराहना की और बच्चों को बताया कि कैसे कला सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन सकती है।

कंप्यूटर विषय का मूल्यांकन  विजय कुमार शर्मा, ट्रेनिंग ऑफिसर, गवर्नमेंट ITI अनूपपुर द्वारा किया गया। उन्होंने तकनीकी विकास और विद्यार्थियों की समझ को सराहते हुए उन्हें डिजिटल स्किल्स के क्षेत्र में और अभ्यास करने की सलाह दी। प्रो. हरिओम शर्मा, गवर्नमेंट मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल के व्याख्याता ने हिंदी एवं संस्कृत विषय के विद्यार्थियों के कार्यों की सराहना करते हुए भाषा के प्रति उनके प्रेम को प्रेरणादायक बताया। वहीं विज्ञान विषय का अवलोकन  प्रशांत पांडे, एक्सीलेंस हायर सेकेंडरी स्कूल के लेक्चरर द्वारा किया गया, जिन्होंने विज्ञान की दैनिक जीवन में उपयोगिता को सरल भाषा में समझाया और बच्चों को वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

प्रदर्शनी के समापन अवसर पर प्रधानाचार्य फादर जी. एलेक्जेंडर ने विस्तृत एवं भावपूर्ण धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा —यह आयोजन विद्यालय परिवार के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। मैं इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. विनोद कुमार वर्मा जी का विशेष आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने अपने व्यस्त समय से समय निकालकर हमारे बच्चों की रचनात्मकता को देखा, उन्हें प्रेरित किया और कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाया।

साथ ही मैं सभी निर्णायकों एवं विशेषज्ञ अतिथियों का भी हृदय से धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने न केवल मूल्यांकन किया, बल्कि छात्रों से संवाद कर उन्हें उनके विषय के प्रति गहन समझ और दिशा प्रदान की।

हमारे विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का भी आभार, जिन्होंने छात्रों को मार्गदर्शन दिया, प्रोत्साहित किया और अपनी मेहनत से यह कार्यक्रम साकार किया।

अभिभावकों का भी अभिनंदन करता हूँ, जिन्होंने अपने बच्चों को सहयोग दिया, उनका मनोबल बढ़ाया और आज उन्हें आत्मविश्वास के साथ मंच पर प्रस्तुत होते हुए देखा।

और अंत में, हमारे प्रिय छात्रों को मेरी ओर से शुभकामनाएं, जिन्होंने न केवल विषय को समझा, बल्कि उसे रचनात्मक रूप में प्रस्तुत कर यह सिद्ध किया कि आने वाला भारत ज्ञान, विवेक और नवाचार से परिपूर्ण होगा। यह प्रदर्शनी निःसंदेह हमारे छात्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।

कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय में उत्सव का वातावरण था। जजों, अतिथियों और अभिभावकों ने एक स्वर में इस आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की और ऐसे कार्यक्रमों को लगातार आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। सभी ने माना कि इस प्रकार की प्रदर्शनी बच्चों को सृजनशीलता, अनुभवात्मक शिक्षा, सहयोग की भावना, और विषयों की गहराई से समझने में सहायक होती है।

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