*मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रोड शो कार्यक्रम में जेब कतरे पुलिस सुरक्षा को दिखाया ठेंगा*
*अनूपपुर*/अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के जनदर्शन रोड शो कार्यक्रम में भारी मात्रा में पुलिस सुरक्षा घेरा का इंतजाम किया गया था उसके बावजूद जेब कतरे अपने हाथों की सफाई में कामयाब रही ,वहीं दर्जनों नेता पत्रकार एवं आम जनता जिनके जेबों से हजारों रुपया एवं गले से सोने की लाखों की चेन गायब कर दिए गए। रोड शो के बाद रात्रि अनूपपुर कोतवाली नेता पत्रकार एवं आम नागरिक शिकायत दर्ज कराने पहुंची उस वक्त कोतवाली टी आई शिकायत दर्ज की पावती देने से इंकार कर रहे थे ।तब पत्रकारों के विरोध एवं फोन पर एसपी से शिकायत करने पर पावती देने तैयार हुए। इस संबंध में शायद ही एफआईआर दर्ज किसी का भी हुआ हो ?वहीं कोतवाली चैन की बंसी बजा आराम फरमा रही है । एम .पी .वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की टीम इस संबंध में अनूपपुर एसपी से जानकारी लेने कार्यालय पहुंची उस वक्त उनकी मौजूदगी ना होने पर नवागत एडिशनल एसपी शिव सिंह से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान जेब कटने के संबंध में जानकारी लेनी चाहि तब उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुझे हुई है लेकिन इस संबंध में मैं ज्यादा कुछ नहीं बता पाऊंगा आप लोग एसपी साहब से संपर्क कर जानकारी ले लीजिएगा। इसके बाद हमारी टीम साइबर सेल के अधिकारी राज् से संपर्क किये, उस वक्त उन्होंने बताया कि हमारे पास किसी भी प्रकार का फुटेज नहीं है उसी क्षण हमारी टीम ने कुछ फुटेज अवगत कराया उस वक्त उन्होंने कहा कि इसको मैं दिखवाता हूं और हो सके तो कुछ और फुटेज मुझे भेजिएगा इसके पश्चात कुछ और फुटेज साइबर सेल के राज् जी को भेजा गया तब उनका मैसेज आया कि आप लोग एसपी साहब से संपर्क कर लीजिए ,उसके दूसरे दिन हमारी टीम एसपी कार्यालय पहुंचकर संपर्क पर्ची भिजवाया गया लेकिन एसपी साहब किसी विषय पर लंबी मीटिंग ले रहे थे इस कारण हमारी टीम संपर्क नहीं कर सकी ।
आम इंसान को सोचने पर मजबूर कर देती है कि इतनी भारी तादाद में पुलिस के घेरे के बावजूद जेब कतरों से आम इंसान सुरक्षित नहीं है तो फिर आम जनता ऐसे कार्यक्रम पर अपने आप को कैसे सुरक्षित महसूस करेगी, वहीं पुलिस के जवाबदार अधिकारियों पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं? इतना ही नहीं मुख्यमंत्री तक भी इसकी भनक पहुंच चुकी होगी की जहां-जहां भी मेरा कार्यक्रम हो रहा है वहां-वहां जेब कतरे अपना हाथ साफ किए हैं लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी धृतराष्ट्र का रोल क्यों अपना रहे हैं यह भी एक सवालिया निशान लगाने मजबूर करती हैं?