*पर्यावरण संरक्षण हेतु : भारत विकास परिषद शाखा अनूपपुर ने किया वृहद पौधारोपण*narmadanewstimes. in

 *पर्यावरण संरक्षण हेतु : भारत विकास परिषद शाखा अनूपपुर ने किया वृहद पौधारोपण*










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*अनूपपुर*।03/08/2025 दिन रविवार 

को समाजसेवा, संस्कार और सतत विकास के मूलमंत्र के साथ कार्यरत भारत विकास परिषद की अनूपपुर शाखा ने  पीआर टी महाविद्यालय बर्री के प्रांगण में एक विशाल वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया, जिसमें 150 से अधिक छायादार एवं औषधीय पौधें लगाए गए। यह आयोजन सिर्फ एक पर्यावरणीय क्रिया नहीं बल्कि एक दीर्घकालिक संकल्प का हिस्सा है – पौंधा लगाने से लेकर उसे वृक्ष बनाने तक।

इस अवसर पर अनूपपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के वर्मा , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघ चालक एवं परिषद के शाखा संरक्षक राजेंद्र तिवारी, शाखा संरक्षक हरिशंकर वर्मा, शाखा संरक्षक मनोज द्विवेदी, मोजर बेयर बाल भारती स्कूल की प्रिंसिपल एवं परिषद की सम्माननीय सदस्या श्रीमती उन्नति जोशी, विंध्य प्रांत अध्यक्ष डॉ देवेंद्र तिवारी, विंध्य प्रांत मीडिया प्रभारी बीरेंद्र सिंह, अनूपपुर शाखा अध्यक्ष राज किशोर तिवारी, शाखा उपाध्यक्ष अरविंद पाठक ,शाखा सचिव आनंद पाण्डेय ,  महिला बाल विकास शाखा प्रमुख श्रीमती शब्द अधारी राठौर, शाखा संपर्क प्रमुख डॉ देवेंद्र बागरी, पर्यावरण शाखा प्रमुख पुष्पेंद्र पाण्डेय, रमाकांत तिवारी, शाखा के सम्माननीय सदस्य महेश दीक्षित, बाल भारती स्कूल के शिक्षक अजय तिवारी, विजय तिवारी, जीवेन्द्र तिवारी, विमल पाण्डेय, जिले के प्रमुख समाजसेवी, पत्रकार, शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।

 *पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी, सिर्फ फोटो और सेल्फी तक नहीं*

आज जब वर्षा ऋतु में अनेक सरकारी और निजी संस्थाएं पौधारोपण के नाम पर महज औपचारिकता निभा रही हैं , फोटो खिंचवाना, सोशल मीडिया पोस्ट डालना, और फिर पौधों को उनके हाल पर छोड़ देना आम हो चला है — ऐसे में भारत विकास परिषद शाखा अनूपपुर ने खुद को एक सार्थक अपवाद के रूप में प्रस्तुत किया है।

विगत 11-12 वर्षों से परिषद द्वारा लगाएं गए लगभग सभी पौधें जीवित हैं, फल-फूल रहे हैं और पर्यावरण को समृद्ध कर रहे हैं। यह संरक्षणात्मक दृष्टिकोण ही परिषद को अन्य संस्थाओं से अलग और विशिष्ट बनाता है।

 *हर पौधा, एक वचन – संरक्षण का संकल्प*

पौधारोपण कार्यक्रम में आम, नीम, जामुन, आंवला, अशोक और गुलमोहर जैसे छायादार व औषधीय पौधों को चुना गया। सभी प्रतिभागियों ने पौधों की देखरेख व नियमित जल-प्रबंधन हेतु सामूहिक संकल्प भी लिया। कार्यक्रम के अंत में परिषद द्वारा सभी उपस्थित जनों को तुलसी का पौंधा भेंट स्वरूप दिया गया – एक प्रतीक, शुद्धता और जीवन की रक्षा का।

 *“क्योंकि पौधों को सिर्फ लगाना नहीं, पालना भी पड़ता है”*

भारत विकास परिषद की यह पहल एक जीवंत उदाहरण है कि सामाजिक संगठन केवल सांस्कृतिक या सेवा मूलक कार्यों तक सीमित नहीं, बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को भी उतनी ही गंभीरता से निभा सकते है।

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