*पंच सूत्र से मानव जीवन का होगा उत्थान-माऊली सरकार*
*11 दिवसीय स्नेह यात्रा का मेंडियारास में हुआ भव्य समापन*
*स्नेह यात्रा को जिले भर मे जनता ने दिया अपार स्नेह*
अनूपपुर/ पूरे प्रदेश के साथ-साथ अनूपपुर जिले में स्नेह यात्रा का शुभारंभ मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के माध्यम से 16 अगस्त से पवित्र नगरी व माँ नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक से प्रारंभ हुआ। यात्रा की अगुवाई फलाहारी आश्रम के प्रख्यात संत राजराजेश्वर अनंत विभूषित रामानंदाचार्य माऊली सरकार जी द्वारा की गयी एवं 11 दिवसीय स्नेह यात्रा का समापन जिले के ग्राम पंचायत मेंडियारास में रविवार शाम को हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंशानुरूप क्षेत्र की जनता के बीच संतों की यह स्नेह यात्रा सामाजिक सरोकार बढाने, छुआछूत को समाप्त करने और समाज को एकजुट, कर्मठ, समरस बनाने के लिये निकाली।स्नेह यात्रा के 11 वें दिन बरबसपुर, खांडा, पोड़ी, मानपुर बकेली ग्राम होते हुए ग्राम पंचायत मेंडियारास में निर्धारित तिथि के अनुसार समापन हुआ ।अमरकंटक स्थित फलाहारी आश्रम के रामानंदी संत अनंत विभूषित जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी राज राजेश्वराचार्य माऊली सरकार ने हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जाति बंधन से मुक्त हुए बिना परिवार ,समाज और देश का उत्थान नहीं हो सकता। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे महसूस किया है। सामाजिक समरसता , स्नेह, एकजुटता ,एकात्म मानववाद को अपना कर हम मजबूती से परिवार ,समाज और देश को विश्व परिदृश्य पर विकास के मार्ग पर अग्रसर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 11 दिनों से अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ, जैतहरी, अनूपपुर, कोतमा के विभिन्न गाँवों की स्नेह यात्रा पर हूँ । जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक उमेश पाण्डेय और उनके वालेंटियर्स लगातार दिन रात खूब मेहनत करके यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित किए। अनूपपुर जिले के सभी स्थानों पर मैंने महसूस किया कि जिले में अनुपम स्नेह का सागर है। लोगों में आपस में काफी स्नेह, सामाजिक समरसता का भाव है बता दें कि यह स्नेह यात्रा के माध्यम से संत और समाज का मिलन सकारात्मक सार्थक समाजिक परिवर्तन की प्रेरणा बनेगा। संतों ने कहा यह विराम है अंत नहीं। सामाजिक बदलाव का यह अभियान सतत जारी रहेगा। ज्ञातव्य हो कि 11 दिवसीय स्नेह यात्रा का आयोजन सभी वर्गो में भेदभाव समाप्त कर पूज्य संतों के नेतृत्व में समरसता का भाव विकसित करने के लक्ष्य से किया गया था। यात्रा को मिलने वाला जन-समर्थन और आमजन की सहभागिता अभूतपूर्व थी। स्नेह यात्रा का भव्य और दिव्य समापन जिस प्रकार स्नेह यात्रा अपने संचालन दिवसों में यादगार रही उसी प्रकार समापन समारोह भी भव्य और दिव्य रहा। समापन समारोह यात्रा में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहयोग देने वाले लोगों को राज्य स्तरीय प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया। पूज्य संतों के प्रति भी आभार व्यक्त करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृतज्ञता पत्र प्रेषित किया है। समापन समारोह में सभी वर्गों के कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। स्थानीय संगीत मंडलियों द्वारा प्रेरणा गीतों की प्रस्तुति की गई। समापन समारोह का मुख्य आकर्षण सभी की सहभागिता से एकत्रित अन्न से बने सहभोज और सामूहिक संकीर्तन रहें, जिसमें आयोजक ग्राम के साथ आसपास के ग्रामीण जनों ने भी सहभागिता की। स्नेह यात्रा का मूल उददेश्य समाज में समरसता और सद्भावना का विकास करना था। अनूपपुर जिले के चिंहित सेवा बस्तियों व गांव में एक पूज्य संत के नेतृत्व में यात्रा पहुँचती थी। संतों का पारंपरिक स्वागत बस्ती के लोगों द्वारा किया जाता था। संत घर-घर जाते और लोगों से मिलते थे। मेल-मुलाकात के बाद आखिर में बस्ती में सब एक स्थान पर एकत्रित हो जाते, मंगलाचरण के साथ रक्षा-सूत्र बंधन, संक्षिप्त उद्बोधन के बाद प्रसाद वितरण होता था। यह सिलसिला प्रतिदिन 10 गाँव में चलता था। दोपहर भोज के समय सामूहिक संकीर्तन और सहभोज होता था। इसमें पूज्य संत भारतीय संस्कृति में निहित समतामूलक समाज की भावना को समरसता के मूल विचार के रूप में ऐतिहासिक सांस्कृतिक उदाहरणों से प्रस्तुत करते थे। समापन कार्यक्रम में विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष रामदास पुरी, जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के पूर्व अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम,जिला समन्वयक जन अभियान परिषद उमेश पाण्डेय,ब्लाक समन्वयक फत्ते सिंह,पतंजलि से हरिराम पाण्डेय,आदि के साथ भारी संख्या में आमजन ग्रामीण,प्रस्फुटन समिति के सदस्य,नवांकुर संस्था,परामर्शदाताओं की उपस्थिति रही।
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