हाथी के दु:खद मृत्यु पर अधिकारी कर्मचारी पर हो सख्त कार्यवाही - रमेश सिंह
अनूपपुर । गत दिवस वन्य जीव हाथी की दु:खद मृत्यु पर अनूपपुर कांग्रेस जिला अध्यक्ष रमेश ने दुख प्रकट करते हुएं दोषी अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। रमेश सिंह ने कहां कि हाथी के मोमेंट की सूचना आबादी वाले क्षेत्र में लगातार जाने की सूचना वन विभाग को दिए जाने के बावजूद विभाग द्वारा कोई कार्रवाई न की जाने से वन्य जीव हाथी की दु:खद मृत्यु अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत कांसा थाना अनूपपुर में वन्य जीव हाथी की करेंट लगने से दु:खद मृत्यु दिनांक 31 जनवरी मध्य रात्रि में हो गई है।
वन विभाग की ड्यूटी हैं कि वन्य जीव हाथी के संरक्षण व प्रबंधन सुनिश्चित करे लेकिन तमाम सूचनाओं के बावजूद वन विभाग द्वारा घोर लापरवाही बरती गई एवं समुचित संरक्षण व प्रबंधन की व्यवस्था नहीं की जबकि इस क्षेत्र में हाथी की चहल कदमी विगत गई माह से चल रही हैं। जिसकी जानकारी जिलावासियों एवं ग्रामीण जनों द्वारा निरंतर वन विभाग अनूपपुर एवं जिला प्रशासन अनूपपुर को समय-समय पर दिया जाता रहा है।
वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा घोर लापरवाही रवैये के कारण वन्य जीव हाथी के मृत्यु करेंट से होने पर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाये|
लगातार मूवमेंट से परेशान थें ग्रामीण
जिले में जैतहरी सहित अनूपपुर रेंज में लगातार हाथियों का मूवमेंट देखा जा रहा था कई घरों का नुकसान भी हाथियों द्वारा लगातार किया जा रहा था, जनता की सुरक्षा व हाथियों के मूवमेंट को लेकर सुरक्षा के कई बार प्रश्न चिन्ह वन विभाग के विरुद्ध लगे थे, बीते रात अनूपपुर रेंज के ग्राम कांसा में एक हाथी की मौत की खबर आ रही है बताया जा रहा है कि करंट के चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई हैं एक तरफ सरकार जानवरों की सुरक्षा के लिए तरह-तरह के कार्य कर रही हैं वहीं दूसरी ओर फॉरेस्ट विभाग के लापरवाही के कारण हाथी की मौत हो गई तो क्या उच्च अधिकारी व रेंज के कर्मचारी सुरक्षा के नाम पर खाना पूर्ति कर रहे थें जिसके कारण यह बड़ी घटना हो गई हैं हालांकि मुख्य वन मंडल अधिकारी अपने कार्यों व भ्रष्टाचार के मामले व अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव बनाने को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहे हैं और आज बड़ी घटना के तौर पर करंट लगने से हाथी की मौत का मामला सामने आया हैं अब देखना यह हैं कि उच्च अधिकारी उक्त विषय पर क्या कार्यवाही करते हैं |