*राइडर्स इन द वाइल्ड 3.0 : 28 राइडर्स ने की 1800 किलोमीटर की यात्रा, भोजपुर मंदिर पर हुआ समापनnarmadanewstimes. in

 *राइडर्स इन द वाइल्ड 3.0 : 28 राइडर्स ने की 1800 किलोमीटर की यात्रा, भोजपुर मंदिर पर हुआ समापन


- 28 बाइकर्स में दो महिला बाइकर ने देखा हिंदुस्तान का दिल। 

- बाइकर्स ने मध्यप्रदेश के ऑफबीट डेस्टीनेशन को किया प्रमोट।  

 प्रदेश में साहसिक एवं पुरातत्व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बाइकिंग इवेन्ट *'राइडर्स इन द वाइल्ड- 2025 (तृतीय संस्करण)'* का 11 जनवरी को भोजपुर मंदिर पर समापन किया गया। इस दौरान बाइकर्स ने मध्यप्रदेश की यात्रा के दौरान अपने अनुभव साझा किए।

बाइकर्स को खजुराहो को लाइट एंड साउंड शो पसंद आया। एमपीटी का परसिली रिसोर्ट और वहां स्थित वेयरफुट सेंड ट्रेक की उन्होंने काफी सराहना की। गांधी सागर और चंदेरी में बाइकर्स टेंट सिटी में रुके, उनके लिए ये एक अलग तरह का सुखद अनुभव रहा। 

जबलपुर में बाइकर्स ने साहसिक रोमांच को स्काई डाइविंग से महसूस किया और समापन अवसर पर सभी बाइकर्स का कहना था कि उन्हें हिंदुस्तान के दिल मध्यप्रदेश में अपनेपन और घर जैसा लगा।

बाइक रैली में 28 बाइकर्स में 2 महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्होंने करीब 1800 किलोमीटर की यात्रा कर मध्यप्रदेश पर्यटन के ऑफबीट डेस्टीनेशन को प्रमोट किया। 

*पर्यटन बढ़ाने में मिलेगी अहम भूमिका*

*पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक  शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि,* ‘मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा बाइक रैली के आयोजन का उद्देश्य वन्य-प्राणी, प्राकृतिक स्थल, कला-संस्कृति धरोहर के व्यापक प्रचार-प्रसार बढ़ावा देना था,  इस कार्य में हम सफल रहें। बाइक रैली मध्यप्रदेश में जहां-जहां गई लोगों ने ना केवल बाइकर्स का स्वागत किया बल्कि अपने-अपने पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी कराया।यह रैली मध्यप्रदेश पर्यटन के 'ऑफ बीट डेस्टिनेशन' पर पहुंची और वहां के पर्यटन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। 

इस अवसर पर संयुक्त संचालक एमपीटी डॉ. एस के श्रीवास्तव, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निदेशक डॉ मनोज कुर्मी एवं राज्य पुरातत्व, सलाहकार,  ओपी मिश्रा उपस्थित थें।

*इन पर्यटक स्थल पर किया भ्रमण* 

05 जनवरी को, एमपीटी के होटल 'विंड एंड वेव्स' से शुरू हुई बाइकर्स की यह रैली गांधी सागर, चंदेरी खजुराहों, परसिली रिसोर्ट, जबलपुर (भेड़ाघाट) और भीम बैठका, और भोजपुर पहुंची। जहां इसका समापन हुआ।

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