*बेंगलुरु में मध्यप्रदेश महोत्सव में कला, संस्कृति और स्वाद का संगम देखने पहुंचे गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी*
*मध्यप्रदेश के कलाकारों से मिल कर प्रदेश की कला के बारे में जाना*
*साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री की भी की तारीफ़, कहा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश में पर्यटन और संस्कृति के लिए कर रहे है सराहनीय प्रयास*
*आदिशंकराचार्य ने दीक्षा मध्यप्रदेश से ही ली, आध्यात्म में उदय वहीं से हुआ*
बेंगलुरु के आर्ट ऑफ़ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय सेंटर में मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग द्वारा मध्यप्रदेश महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस चार दिवसीय महोत्सव में मध्यप्रदेश की अद्भुत कला, संस्कृति, शिल्प और खानपान का प्रदर्शन किया जा रहा है। यह आयोजन प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को करीब से जानने और समझने का एक अनूठा अवसर प्रदान कर रहा है। इस महोत्सव में प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने भी आशीर्वचन दर्ज कराई। उन्होंने मध्यप्रदेश के कलाकारों से उनकी कला और संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की प्रशंसा करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहें प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं। यह पहल राज्य की पहचान को मजबूत करेगी तथा इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक अवश्य ले जाएगी।”
श्री श्री रवि शंकर जी ने अपने आशीर्वचन में मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मध्यप्रदेश वह भूमि है जहां आदिशंकराचार्य ने दीक्षा प्राप्त की और यहीं से आध्यात्मिक जागरण की शुरुआत हुई। यह प्रदेश न केवल सांस्कृतिक, बल्कि आध्यात्मिक धरोहर का भी केंद्र है।
महोत्सव में मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने अतिथियों का मन मोह लिया। मध्यप्रदेश के पारंपरिक नृत्य और संगीत ने दर्शकों को प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव कराया। महोत्सव में बड़ी संख्या में अतिथियों की भागीदारी ने इसे और अधिक सफल और जीवंत बना दिया है। महोत्सव में पारंपरिक हस्तशिल्प की प्रदर्शनी, लाइव डेमो, स्वादिष्ट मध्यप्रदेशी व्यंजनों की स्टॉल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।