*जल संसाधन विभाग एवं कृषि विभाग के अधिकारी द्वारा विकास कार्यों एवं हितग्राही मूलक योजनाओं में करोड़ों रुपया का किया गया भ्रष्टाचार*
अनूपपुर। केंद्र सरकार एवं मध्य प्रदेश
सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर कठोर कदम उठा रही है वहीं कलेक्टर भी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आए दिन कार्यवाही हेतु फरमान जारी कर रहे हैं इसके बावजूद जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा विकास के कार्यों में किए जा रहें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार एवं कृषि विभाग द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं में किए गए करोड़ों रुपया का भ्रष्टाचार कर किसानों का हक छीना जा रहा है ,विगत वर्ष 2023- 24 में मनरेगा मद में जल संसाधन विभाग पुष्पराजगढ़ ब्लॉक के बोहिता, इटौरा, बेनीबारी जोहिली, लपटी आदि जलाशयों के नहरों की सफाई एवं सुधार कार्यों के लिए कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला अनूपपुर के द्वारा 2.90 करोड़ रूपया स्वीकृत किया गया था जिसमें नहरों की सफाई के नाम पर लीपा -पोती करके सुधार एवं मरम्मत का कार्य के नाम पर स्वीकृत राशि का क्लीनिंग के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जी बिल वाउचर बनाकर विभाग के अधिकारियों द्वारा शासकीय धनराशि का बंदर- बांट कर लिया गया । ग्राम पंचायत बहपुर में बनाएं गए नान घाटी जलाशय के स्पिल चैनल एवं रिपेयरिंग वाल निर्माण कार्य के लिए 1.48 लाख रुपए स्वीकृत कराकर रिपेयरिंग वाल निर्माण का कार्य जिन श्रमिकों से कराया गया उन्हीं श्रमिकों से मस्टर रूल के नाम पर कार्य कराने के नाम पर फर्जी बिल वाउचर बनाया गया तथा नहर मरम्मत के नाम पर 40 लाख रुपया लिया गया तथा नहर निर्माण के पूर्व में 32 लाख रुपया लिया गया था लेकिन आज तक नहर निर्माण एवं नहर मरम्मत एवं सुधार का कार्य नहीं हुआ और 5 करोड रुपए की लागत से 2014 में बनाएं गए नान घाटी की योजना से किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं मिल रही है इस कार्य में भी जल संसाधन के अधिकारियों के द्वारा फर्जी बिल वाउचर एवं मास्टर रुल तैयार कर लाखों रुपया का भ्रष्टाचार कर शासकीय धनराशि का गवन कर लिया गया है।
*जैतहरी ब्लॉक में जल संसाधन विभाग अधिकारी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार*
मनरेगा मद से 2008 में 1.47 लाख की लागत से बनाएं गए हर्रीं, बर्री का काजवे/ पुल टूट कर बह चुका है और 1.31 लाख की लागत से बनाएं गए झाईताल कजावे/ पुल टूट चुका है और कभी भी धराशाई हो सकता है विधायक मद से 50 लाख रुपए की लागत से क्योंटार उद्वहन एवं 25 लाख की लागत से सोन मौहरी उद्वहन सिंचाई योजना का कार्य भी भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया है ,दोनों योजनाओं का कार्य की लीपा- पोती कर पूर्ण कर दिया गया है लेकिन किसानों के खेतों में सिंचाई के नाम पर एक बूंद भी पानी नहीं मिल रहा है।
छिरहा टोला जलाशय एवं अमिलिहा जलाशय योजना के नाम पर भी भारी भ्रष्टाचार किया गया।
*विकास खंड पुष्पराजगढ़ में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा 2023- 24 में प्रमाणित चना का बीज कृषकों को दिए जाने हेतु शासन द्वारा प्रदाय*
विभाग के अधिकारी द्वारा चना का बीज किसानों को न देकर कालाबाजारी के द्वारा बाजार में बिक्री कर दिया गया और ग्राम बहपुर, बेलगवां, पोंडकी, पोंड़ी, बेंदी ,कछार टोला आदि 118 गांव के 700 कृषकों की फर्जी सूची तैयार कर लगभग 500 क्विंटल चना बेंच दिया गया है और कृषक वितरण सूची में उन मृतकों का नाम भी अंकित है जिनकी मृत्यु पूर्व में ही हो चुकी है ।
*अधिकारी भ्रष्टाचार के मार्ग पर चल कर स्वर्ग में बांटा बीज जिनके नाम है इस प्रकार*
हीराबाई 05 वर्ष पूर्व, खेमा नायक पिता चोखा गोंड 15 वर्ष पूर्व, थम्मा बाई 05 वर्ष पूर्व, रामफल पिता सिर दारी गोंड 08 वर्ष एवं नान सांय पिता राई यादव 03 वर्ष पूर्व , श्यामलाल पिता फूलचंद 10 वर्ष एवं सेंसा बाई पति सुदामा महारा 03 वर्ष के मृत्यकों की भी स्वर्ग लोक में जाकर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा चना का बीज देकर उनका नाम भी वितरण सूची में दर्ज किया गया है।
*रागी का प्रमाणित बीज भी 15 क्विंटल को कालाबाजारी के माध्यम से बेच दिया गया*
कृषि विभाग के भ्रष्ट अधिकारी द्वारा ग्राम पोड़ी , खाल्हे दूधी आदि 75 गांव के 300 कृषकों की फर्जी सूची तैयार कर फर्जी वाड़ा किया गया है।
*मसूर का प्रमाणित बीज 147 क्विंटल कालाबाजारी के माध्यम से बेच दिया गया*
भ्रष्ट अधिकारी द्वारा ग्राम बहपुर, बेलगवां, पोंड़ी आदि 70 गांव के 245 कृषकों की फर्जी सूची तैयार कर शासन को बीज वितरण करने की जानकारी भेज दी गई है विकासखंड जैतहरी में भी वर्ष 2023- 24 में मसूर की प्रमाणित बीज शासन द्वारा प्रदाय किया गया था लेकिन उसे भी कालाबाजारी के माध्यम से बेच दिया गया और सेंदुरी , क्योंटार आदि 35 गांव के 136 कृषकों को बीज वितरण की फर्जी सूची बनाई गई है और चना का प्रमाणित बीज 484 क्विंटल प्रदाय किया गया था मात्र 30 किलो की बोरी ही किसानों को दी गई लेकिन 75 किलो हर कृषक को दिए जाने की 60 गांव के 600 कृषकों की फर्जी कृषक वितरण सूची तैयार की गई है ग्राम गोरसी के 08 पूर्व की बोरी ही किसानों को दी गई लेकिन 75 किलो हर कृषक को दिए जाने को भी स्वर्ग लोक में जाकर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा चना का बीज देकर स्वर्गीय विशेषर राठौर एवं स्वर्गीय चमरू राठौर का नाम भी वितरण सूची में दर्ज किया गया है इसी तरह रागी का प्रमाणित बीज 10 क्विंटल कृषकों को वितरण हेतु शासन के द्वारा प्रदाय किया था उसमें भी अवैध रूप से बिक्री कर 40 गांव के 250 कृषकों की फर्जी कृषक वितरण सूची तैयार कर शासन को भेज दी गई है जबकि उन कृषकों को यह मालूम ही नहीं है कि रागी आखिर होती क्या है...?
उपरोक्त मुद्दों पर ही आरएसपी द्वारा 05 अप्रैल2025 को जैतहरी में आंदोलन का शंखनाद करते हुए निवेदन किया है कि गरीब किसानों को अपने हक के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचकर आंदोलन को सफल बनाने में सहयोग करें ताकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को सलाखों के पीछे भेजा जा सकें और भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सके।

