*आर. सी. स्कूल में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का बोलबाला* *शिक्षक बना ठेकेदार, ₹2 लाख रूम रेंट बकाया – अधिकारी मौन, जनता में आक्रोश*narmadanewstimes. in

 *आर. सी. स्कूल में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का बोलबाला*

*शिक्षक बना ठेकेदार, ₹2 लाख रूम रेंट बकाया – अधिकारी मौन, जनता में आक्रोश*


*अनूपपुर*। चचाई का आर. सी. स्कूल, जो कभी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखता था, आज अनियमितताओं और भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़ चुका है। स्कूल प्रबंधन की लापरवाही और अधिकारी की मिलीभगत से यह संस्थान लगातार विवादों में घिरता जा रहा है।

 *शिक्षक पर ठेकेदारी और बकाया का आरोप*

खेल-कूद शिक्षक अविनाश कुमार सिंह (पिता गोविंद सिंह) पर गंभीर आरोप लगे हैं।

लगभग 7–8 साल से एन. सी. क्वार्टर में निवास करते हुए वे सेवा दे रहे हैं।

इसी दौरान वे ए. के. एस. चचाई वीरान के नाम से ठेकेदारी का कार्य भी कर रहे हैं।

उन पर ₹2 लाख से अधिक रूम रेंट रिकवरी की देनदारी है, लेकिन अब तक वसूली नहीं हुई।

*स्थानीय लोगों का सवाल है*— “क्या एक ही व्यक्ति शिक्षक और ठेकेदार दोनों हो सकता है?”

 *अधिकारी और राजनीति की मिलीभगत*

अमरकंटक ताप विद्युत गृह के  अधिकारी और राजनीतिक संरक्षण के चलते यह मामला वर्षों से दबा हुआ है।

बाबु और अधिकारी की चुप्पी ने पूरे तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

चर्चा यह है कि राजनीतिक आशीर्वाद और अधिकारी की मिलीभगत के बिना इतने साल तक वसूली अटकी रह ही नहीं सकती।

 *स्कूल में भाई-भतीजावाद की जड़ें गहरी*

स्कूल समिति पर आरोप है कि शिक्षक भर्ती में भाई-भतीजावाद किया जाता है।

नतीजतन, शिक्षा का स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है।

कभी शहडोल संभाग में नाम कमाने वाला यह स्कूल आज बंद होने की कगार पर है।

अतीत में यहां से पढ़े छात्र आज देश-विदेश में पहचान बना रहे हैं, लेकिन वर्तमान हालात ने उस गौरव को धूमिल कर दिया है।

 *ठेकेदार पर श्रमिक शोषण का आरोप*

ए. के. एस. को प्राप्त निविदा पब्लिक बिल्डिंग्स साइड में साफ सफाई  कार्य  भी सवालों में है।

फरवरी से अगस्त तक श्रमिकों को न हाजिरी कार्ड मिला, न वेतन पर्ची।

और तो और सुरक्षा उपकरण तक उपलब्ध नहीं कराए गए।

मजदूरों का कहना है कि यह सीधा श्रमिक शोषण है।

 *जनता की मांग*

  *कार्रवाई हो*

आमजन का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोग मांग कर रहे हैं कि—

अमरकंटक ताप विद्युत गृह के मुख्य अभियंता तत्काल अविनाश कुमार सिंह पर कार्रवाई करें।

₹2 लाख की बकाया राशि की वसूली का आदेश जारी किया जाए।

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