कलमकारों की एकता की आवाज से गूंज उठी अनूपपुर
प्रशासन ने दिया मांगों की समाधान का भरोसा
अनूपपुर । जिला की धरती आज कलमकारों की आवाज़ से गूंज उठी। पत्रकारों ने प्रशासन की बेरुखी, उत्पीड़न और लगातार हो रही अवहेलना के खिलाफ एकजुट होकर ऐसा हुंकार भरा कि पूरा जिला साक्षी बन गया। “अनूपपुर पत्रकार एकता मंच” के बैनर तले न्यू बस स्टैंड अंडरब्रिज के पास अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया गया, जिसने जिले की व्यवस्था को झकझोर दिया है। अब यह लड़ाई केवल कलम की नहीं, बल्कि सम्मान और अधिकारों की है।
फर्जी मुकदमों व उत्पीड़न के विरोध में भड़का आक्रोश।
पत्रकारों ने कहा कि प्रशासन द्वारा उनके ख़िलाफ़ लगातार फर्जी प्रकरण दर्ज करना और खबरों की अनदेखी करना अब उनके स्वाभिमान पर चोट है। शनिवार सुबह से ही जिले के कोने–कोने से पत्रकार पहुंचते गए और देखते ही देखते स्थान पर सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई।
नारे गूंजते रहे -
“पत्रकार एकता ज़िंदाबाद”
“अन्याय अब और नहीं!”
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार भी आए समर्थन में
संघर्ष को ताकत देने के लिए छत्तीसगढ़ से वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र जायसवाल, कर्मुनिशा और अमित गुप्ता भी पहुंचे। उन्होंने मंच से स्पष्ट चेतावनी दी-
“यदि पत्रकारों की मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं होती, तो यह आंदोलन प्रदेश की सीमाओं से बहुत आगे जाएगा।”
राजनीतिक दल भी आए समर्थन में
पत्रकारों की इस लड़ाई ने राजनीतिक गलियारों को भी सक्रिय कर दिया।
कांग्रेस से - जीवेंद्र सिंह, राजीव सिंह, बाबा खान, सतेंद्र दुबे
भाजपा से - राज तिवारी तथा कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल जी
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और कहा—
“पत्रकार लोकतंत्र की रीढ़ हैं, और उन पर अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
नेताओं ने आश्वासन दिया कि मांगों की गूंज मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी।
प्रशासन पर दबाव बढ़ा - बैठक का वादा
बढ़ते जनसमर्थन और एकजुटता ने प्रशासन को सक्रिय होने पर मजबूर कर दिया।
अनुविभागीय दंडाधिकारी कमलेश पुरी जी तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम जी मौक़े पर पहुंचे और पत्रकारों से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि -
मंगलवार दोपहर 2 बजे नर्मदा सभागार में कलेक्टर के साथ विस्तृत चर्चा होगी, एवं मांगों के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
आगे क्या?
पत्रकारों ने साफ कहा है कि—
“वादा नहीं, फैसला चाहिए!”
अब सबकी नजरें मंगलवार की बैठक पर टिकी हैं।
यदि समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन और भी उग्र होने की चेतावनी दी गई है।



