*चुनाव प्रभारी अनिल गुप्ता के कारण बूढ़ा भाजपा प्रत्याशी की इज्जत लगी दांव पर
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*भाजपा की नइया डुबाने अपने लोगों को पहुंचा रहे फायदा*
*चुनाव प्रचार फंड का कर रहे हैं दुरुपयोग*
*मीडिया प्रभारी को भी किया गया दरकिनार*
अनूपपुर । जिले की अनूपपुर, कोतमा व पुष्पराजगढ़ विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिये 17 नवंबर को मतदान होना है। अनूपपुर विधानसभा में भाजपा के बिसाहू लाल सिंह का सीधा मुकाबला पूर्व डिप्टी कलेक्टर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रमेश सिंह के साथ है। वहीं पुष्पराजगढ़ व कोतमा में भी भाजपा प्रत्याशी की सीधी टक्कर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों से है। जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है वैसे-वैसे चुनाव कांटे की टक्कर में तब्दील होता जा रहा है। जनता और पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का मौन सत्तारुढ दल के लिए खतरनाक संकेत है। वहीं जिला और विधानसभा प्रभारियो की कार्य शैली से प्रत्याशियों को नुकसान हो रहा है।
*चुनाव प्रभारी के कारण बूढ़ा शेर की इज्जत दांव पर*
बिसाहूलाल सिंह को भाजपा से दूसरी बार टिकट मिलने के बाद विवादित भाजपा नेता अनिल गुप्ता को चुनाव प्रभारी बनाकर विधानसभा की बागडोर इनके हाथों में सौंप दिया गया जबकि जिले का अनिल गुप्ता के चुनाव प्रभारी बनते ही भाजपा पार्टी के अंदर असंतोष व बगावत सामने आ रही है। भाजपा का एक बहुत बड़ा हिस्सा विधानसभा प्रभारी का खुलकर विरोध तो नहीं कर पा रही हैं, मगर अंदर ही अंदर बागी और नाराज लोग भाजपा का ही नइया डुबाने में लगे हुए हैं। जिससे चुनाव प्रचार सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। वहीं चुनाव प्रभारी नही संभाल पा रहे है। अगर यही हाल रहा तो इससे पार्टी का बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। जिसकी भरपाई करना नामुनकिन हैं।
*अपने लोगो को पहुँचा रहे हैं फायदा*
अनिल गुप्ता को चुनाव प्रभारी बना कर अनूपपुर विधानसभा की बाग ड़ोर इनके हाथों में देने के बाद सब कुछ इनकी मर्जी पर निर्भर हो गया हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि चुनाव प्रचार व कार्यकर्ताओं के खर्च लिए पार्टी फंड इनके पास है। जिसे वो अपने अंदाज से मनमाना खर्च कर रहे है । भाजपा को फायदा मिले या न मिले चुनाव प्रभारी अपना और अपने लोगों के जेब भरने में लगे हुए हैं। चुनाव प्रभारी द्वारा पार्टी व अन्य लोग जो इनके खास माने जाते है उनको मन मुताबिक रुपए देकर चुनाव फंड का दुरुपयोग कर रहे हैं। चुनाव प्रभारी इस चुनाव में लाखों का हेरा-फेरी किया जा रहा है ,वैसे भी इनकी फितरत में है। भाजपा प्रत्याशी की जीत से इनको कोई लेना देना नहीं , वो बस अपना उल्लू सीधा करना चाहते है।
*भाजपा की दशा आ बैल मुझे मार*
अनिल गुप्ता को चुनाव प्रभारी बनाकर भाजपा पार्टी ने अपने पैरों में खुद कुल्हाड़ी मार ली है यहां पर भाजपा की दशा ऐसी हो गई है कहावत सिद्ध हो रही है कि आ बैल मुझे मार ।जैतहरी नगर परिषद के चुनाव में जब पहली बार अध्यक्ष बने थे उस समय फॉरेस्ट विभाग का ₹600000 गमन कर फरार हो गए थे। दूसरी बार भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए अनिल गुप्ता चुनाव लड़े थे और अपने अहम के कारण हार गए थे। जिसके बाद पार्टी के अंदर काफी छीछा लेदर हुई थी। ये हमेशा विवादों में बने रहते हैं सोशल मीडिया में अश्लीलता फैलाने के कई बार इनके ऊपर आरोप लग चुके हैं और इनके खिलाफ थाना में रिपोर्ट भी हो चुकी हैं। ऐसे लोगों को चुनाव प्रभारी बनाकर पार्टी खुद अपना नुकसान कर रही है। सूत्र बता रहे है कि बूथ प्रभारियों को चुनाव में खर्च के लिए जो रुपए बांटे गए हैं उनमें जो इनके खास लोग थे उनको ज्यादा रुपए दिया गए और अन्य लोगों को कम रुपए दिए गए इस तरह के भेदभाव से पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष नजर आ रहा है। पार्टी कार्यकर्ता जो पूरा दिन रात गांव-गांव जाकर भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं उनको पेट्रोल, डीजल, नाश्ता का खर्च नही मिल रहा हैं। कार्यकर्ता कब तक अपने जेब से रुपया खर्च करके चुनाव प्रचार करते रहेंगे । कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि चुनाव प्रभारी कार्यकर्ताओं के साथ अच्छा वार्तांव नही कर रहे हैं प्रचार फंड का रुपया अपने लोगों को जमकर बांट रहे है इस लापरवाही के कारण चुनाव प्रचार के लिए पर्याप्त झण्डा बैनर व अन्य सामग्री की कमी देखी जा रही हैं। अनिल गुप्ता केवल कार्यालय में बैठकर लोगों को आदेश देकर चुनाव जिताने का सपना संजोए है। कभी क्षेत्र में जाकर नहीं देख रहे हैं कि वहां प्रचार का क्या हाल है। बस कार्यकर्ताओं की दम पर पूरा विधानसभा क्षेत्र छोड़ दिये हैं। यही हाल रहा तो मतदान तक कहानी कुछ और कहेंगी।
*बूढ़ा भाजपा प्रत्याशी के कारनामे*
बिसाहू लाल सिंह इसी सीट से कांग्रेस पार्टी से कई बार विधायक व मंत्री रह चुके है, मगर पिछले चुनाव के बाद बिसाहू लाल सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव में भाजपा से विधायक चुनकर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पद पर विराजमान हैं। कांग्रेस में रहकर जो हमेशा भाजपा खराब पार्टी बताकर पानी पी पी कर कोसने वाले बिसाहू लाल अब भाजपा का गुणगान करते हुए नहीं थक रहे हैं। पूरी उम्र कांग्रेस पार्टी के दम पर राजनीति करके विधायक मंत्री बनकर अपनी छवि बनाने वाले बिसाहू लाल अब कांग्रेस को खराब पार्टी बताकर लगातार जहर उगल रहे हैं। पिछले बार कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह जो काफी कमजोर थे और तो और उनके गांव से ही वोट नहीं दिया गया था।उनको हराकर वाह वाही लूटने वाले बिसाहू लाल का इस बार कांग्रेस के दमदार प्रत्याशी रमेश सिंह के सामने डगर आसान नहीं है। भाजपा प्रत्याशी की उम्र ज्यादा होने के कारण पूरी तरह स्वस्थ नहीं है इस कारण से भी उतनी मेहनत चुनाव में नहीं कर पा रहे हैं । अपने हितैसी के दम पर चुनाव की नैया पार लगाने में लगे हैं, मगर उनके नाव खेवईया चुनाव प्रभारी और अन्य लोग उनकी नाव बीच धार में ही डुबाने में लगे हुए हैं। वही ठंड के मौसम में भाजपा प्रत्याशी को पसीना छूट रहा है। भाजपा के गरम बागी लोगों के सामने पार्टी का बिसाहू लाल का एसी अच्छे से काम नहीं कर पा रही हैं। बिसाहू लाल कई मामलों में विवादों में रह चुके हैं। पिछले उप चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह की पत्नी को रखैल बोलकर विवादों में फंस गए थे तब हजारों महिलाओ ने अनूपपुर कोतवाली के सामने चूड़ी लाकर प्रदर्शन किया था। उसके बाद एक बार और क्षत्रिय महिलाओं के बारे में विवादित बयान देकर क्षत्रिय समाज का विरोध झेलना पडा़ था। बिसाहू लाल के खिलाफ जमकर नारे बाजी हुई थी मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने पर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी थी।इनको भाजपा से टिकट मिलने के बाद पार्टी के नाराज वरिष्ठ नेताओं ने इनके खिलाफ लिखित ज्ञापन भी सौंपा था। खाद्य मंत्री होने के बाद जिले में खाद्यान्न मामले में जमकर काला बाजारी हेर फेर का मामला लगातार सामने आते रहे है। इस चुनाव में जनता किसको आशीर्वाद देती हैं यह मतदान के दिन पता चल पाएगा और मतगणना के साथ सब कुछ साफ हो जाएगा।