जिला चिकित्सालय का सुधार आखिर कब तक......?
अनूपपुर। जिला चिकित्सालय अनूपपुर सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है वहीं देखा जाए तो खून जांच रूम के सामने समय सूची लगी है लेकिन उसका पालन नहीं किया जाता जब हमारी टीम मौजूदा समय पर पहुंची उस वक्त समय 3:00 से ऊपर हो चुका था लेकिन काउंटर का खिड़की ही नहीं खोली जा रही थी उनका कहना था की हमारा स्टाफ अभी नहीं आया हैं इतना ही नहीं मरीजों के वार्ड में जाकर देखा गया तो कूलर रखा हुआ है लेकिन चल नहीं रहा है और जिस जगह कूलर रखा भी है तो उसमें पानी ही नहीं है और तो और जिस वार्ड में ऐ सी लगा हुआ है वह बंद पड़ा हुआ था जब स्टाफ के नर्स से पूछा गया तो उनका जवाब था कि एक बंद है और दूसरा चालू है जब उन्हें बोला गया कि दोनों बंद है तब उनका कहना था कि मरीज स्वयं चालू कर लेता हैं उसी वक्त मरीज से पूछा गया की ऐ सी क्यों चालू नहीं किया तब उनका कहना था कि हमसे चालू करते नहीं बनता फिर नर्स द्वारा एक व्यक्ति को बोला कि पलंग पर चढ़ कर ऊपर के स्विच को दबाओं तब कहीं जाकर ऐ सी चालू हुआ उस वक्त नर्स से पूछा गया की इसका रिमोट कहां है तो बता पाने में असमर्थ थी ।
वहीं हमारी टीम ने नर्स के चेंबर में जाकर देखा तो बकायदे महंगी कूलर की ठंडी हवा का आनंद लेते हुए अपनी ड्यूटी कर रही थीं।
हर वर्ष गर्मी के समय कूलर के मेंटेनेंस पर लाखों रुपया का न्यारा हो जाता है फिर भी मरीजों को बीमारी के साथ-साथ पसीने भी बहाने पड़ते हैं। वहीं सिविल सर्जन से संपर्क करना चाहे तो अधिकांशतः उनका फोन बंद पाया जाता है और फोन लग भी गया तो उनका जवाब तोता रटन की तरह जवाब होता है कि देखता हूं दिखवाता हूं फिर चाहे मंत्री की फटकार हो या कलेक्टर की। इसके बावजूद सिविल सर्जन परस्ते सालों से अपनी जवाबदारी इसी तरह से निर्वहन करते चले आ रहे हैं।