अमरकंटक पी एम श्री विद्यालय के शिक्षक कालोनी की दशा अति जर्जरnarmadanewstimes. in

 अमरकंटक पी एम श्री विद्यालय के शिक्षक कालोनी की दशा अति जर्जर





 

अमरकंटक । मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली , पवित्र नगरी अमरकंटक में मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल में एक मात्र पुराने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक में कार्यरत शिक्षकों के आवास (क्वार्टर) की दशा अति दयनीय , जर्जर हालत में है । वर्षों से शिक्षक कॉलोनी के भवन का जीर्णोद्धार मरम्मत नहीं कराया गया है , फल स्वरुप उक्त आवासीय भवन अपनी दशा का बखान स्वत:  ही कर रहा है । ऐसे ही जर्जर खंडहर हो चुके भवन में विद्यालय में कार्यरत शिक्षक रहने को मजबूर हो रहे हैं भवन की दशा अति दयनीय है ।  उक्त आवासीय भवन कभी भी गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं ।  इस दिशा में भवन का सुधार या मरम्मत कार्य कराएं जाने का विभाग ने ध्यान नहीं दिया है । 

उल्लेखनीय है कि उक्त आवासीय भवन तत्कालीन बी टी आई के नाम पर लगभग 50 वर्ष पूर्व निर्मित किया गया था । उसी के कर्मचारी उक्त भवन में रहते रहे हैं । पवित्र नगरी अमरकंटक में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जब प्रारंभ हुआ तभी से शिक्षक आवास के रूप में कार्य करने लगा और चाल नुमा बने  शिक्षक कालोनी , भवन में शिक्षकों को आवंटित किया जाने लगा । वर्तमान समय में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक को अब पीएम श्री शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की उपाधि दी गई और संस्था संचालित है । पवित्र नगरी अमरकंटक नगर परिषद के वार्ड क्रमांक दो वैतरणी  बस स्टैंड , पंडित दीनदयाल उपाध्याय चौंक के पास मुख्य मार्ग पर विद्यालय एवं शिक्षक आवास कॉलोनी है । सभी कुछ परिवर्तित हो गया लेकिन शिक्षकों के रहने का आवास भवन की मरम्मत , सुधार , जीर्णोद्धार के विषय में किसी ने भी शुधि नहीं ली । इसके चलते भवन और भी अति जर्जर हो गया है । उक्त आवास में रहने वाले शिक्षक जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हो रहे और उसी में टीना , तिरपाल डालकर काम चला रहे । दीवार भी जगह-जगह टूट रहे तथा खिड़की  दरवाजे  भी काम के लायक नहीं बचे । पवित्र नगरी अमरकंटक के विकास की योजनाएं बनाई जा रही हैं वहीं दूसरी ओर राष्ट्र निर्माता शिक्षकों के आवास भवन का नवीन निर्माण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा । क्या विभाग या शासन किसी गंभीर घटना दुर्घटना की राह देख रहा है । माह जून में विद्यालय पुन: प्रारंभ होंगे इसमें ही शिक्षक रहने को मजबूर हैं ।

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