दरकती छतें,पिलर और दीवारें,
शिक्षा ग्रहण करते नौनिहालों की जान जोखिम में
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कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का मामला,
कलेक्टर को नहीं है जानकारी या फिर जानकर भी बने हुए हैं अनजान...?
एक तरफ सरकार विकास के दिशा में हर सम्भव प्रयास करती नजर आ रही꫰ हर ग्राम,नगर एवं शहरों को और भी बेहतर व अच्छा बनाएं जाने को लेकर कई विकास कार्य शुरू किए जा चुके हैं꫰ देखा जाए तो मौजूदा सरकार चारों ओर गांवों के लोगों को हर तरह की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की बड़ी कोशिश में जुटे हुएं हैं꫰ शासन की शासकीय योजनाओं से भी अधिकतर ग्रामों के लोग लाभान्वित हुएं और हो रहे तथा अन्य लोगों को जोड़े जाने जिम्मेदार शासकीय विभागों का प्रयत्न जारी है꫰परन्तु वहीं शिक्षा विभाग की अगर बात की जाएं तो मध्य प्रदेश शहडोल के अनूपपुर जिले के अंतर्गत औंधे मुंह पड़ा नजर आता है꫰ जहां शासकीय शिक्षकों के स्तर में सुधार करने सरकार द्वारा हमेशा कुछ ना कुछ प्रयास किया जाता है, जिनको शासन अच्छा खासा वेतन भी दे रही꫰ जिससे शिक्षकों का भविष्य तो उज्जवल हैं किन्तु वहीं शासकीय विद्यालयों सहित शिक्षा ग्रहण करते बच्चों का हाल बड़ा ही बेहाल दिखाई नजर आता है꫰
हम बात कर रहे जिले के जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्राम पंचायत पिपरहा में मौजूद शासकीय माध्यमिक विद्यालय भवन और इस विद्यालय में अध्ययनरत छोटे नौनिहालों की, जो आज भी जान जोखिम में रख शिक्षा ग्रहण कर रहें꫰ भवन का हाल बद से भी बदतर साफ तौर पर नजर आता हैं꫰ कब दरकी छत पिलर या दीवार नौनिहालों एवं शिक्षकों पर गिर जाए कोई ठिकाना नहीं꫰ फिर भी शिक्षक उसी छत के नीचे नौनिहालों को पढ़ाने एवं और छोटे विद्यार्थी पढ़ने को मजबूर दिखाई पड़ते हैं꫰ यहां की व्यथा देख किसी की भी रूह कांप उठे꫰ लेकिन प्राचार्य द्वारा कई आवेदन पत्र दिए जाने के बाद भी आज तलक अनूपपुर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कान तलक जूं भी नहीं रेंगता꫰ मानों यह ग्राम अनूपपुर जिले में ही ना हो꫰ बारिश में छत से पानी का टपकना, छत से हमेशा प्लास्टर के टुकड़ों का गिरना तो आम हो चला हैं बच्चें एक किनारे बैठ पढ़ाई करने विवश हैं꫰ जिस बारे में बच्चों सहित शिक्षकों ने भी बताया हैं कि इस विद्यालय की स्थिती बदहाल व दयनीय हैं꫰ इस विद्यालय का डाईस कोड 23470100401 और स्थापना वर्ष 1957 ई. में हुआ था जिसका डाईस कोड एकीकृत विद्यालय होने से बदलकर 23470100402 हो गया हैं꫰ जो कि विद्यालय में अंकित हैं तथा संकुल केन्द्र राजनगर कालरी विकासखण्ड एवं जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश है꫰
माना जाए तो हर रोज यहां मौत के मुंह में बच्चे व शिक्षक रहते हैं꫰ लेकिन समझ नहीं आता कि आखिर शासन के इस विभाग के किसी आला अधिकारी को अब तलक नजर क्यों नहीं आया और आवेदन दिए जाने के बावजूद भी कोई जांच समीक्षा को क्यों नहीं पहुंचा꫰ जिसे लेकर इस विद्यालय सहित विद्यार्थियों की अपने क्षेत्रीय मंत्री से गुहार है कि कम से कम मंत्रीजी पहुंच स्वयं जायजा लेकर इस विद्यालय को ध्वस्त करा पुन: नए सिरे से विद्यालय नवीन निर्माण कराएं जाने पर जल्द जोर देने का प्रयास करें ताकि समय रहते आगे कोई अप्रिय घटना होने से बचा जा सकें꫰ इस विद्यालय में लगभग 300 से भी अधिक छात्र छात्राएं अध्ययनरत अपने बेहतर भविष्य को लेकर निश दिन विद्यालय आ सकें ꫰ सभी के परिजनों ने भी अध्ययनरत अपने बच्चों को लेकर अपने में एक स्वप्न संजोए हुए हैं कि यहां से शिक्षा ग्रहण कर हमारे बच्चें आगे भी शासन के माध्यम से अन्य जगहों से और भी बेहतर शिक्षा ग्रहण करेंगे ताकि उनका जीवन शिक्षा के स्तर से बेहतर से बेहतर हो पाए,लेकिन वहीं विद्यालय की स्थिती को देख परिजन भी भय में रह रहे कि जिस प्रकार विद्यालय की दयनीय हालत हैं तो क्या आगे यह विद्यालय यहां रह पाएगा꫰ विद्यालय की स्थिती में सुधार करने विभाग द्वारा किसी तरह का प्रयास होता भी दिखाई नहीं पड़ रहा꫰ जिसे लेकर स्थानीय लोगों का मानना हैं कि क्या मंत्री बने हमारे विधानसभा क्षेत्र के विधायक दिलीप जायसवाल इस विद्यालय का नवीनीकरण कराए जाने पर अपनी पहल दिखाएंगे꫰
इनका कहना है –
हमारे द्वारा विद्यालय की स्थिती से विभाग के आलाधिकारी को पत्र के माध्यम से कई बार अवगत कराया जा चुका हैं किन्तु नवीनीकरण की बात तो दूर सुध लेने भी अब तलक कोई नहीं पहुंचा, ना जाने क्यों!
शिवमंगल सिंह, प्राचार्य,शासकीय माध्यमिक विद्यालय पिपरहा,जिला अनूपपुर मध्यप्रदेश